टोक्यो: छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम जीतने के बावजूद हार गईं? जानकर अजीब लगता है ना? मगर यह सच है। भारत की दिग्गज महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को 51 किग्रा वर्ग के प्री-क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया की इंग्रीट लोरेना विक्टोरिया वालेंसिया के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। मैरीकॉम की हार के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बड़ी बात यह है कि एमसी मैरीकॉम ने तीन में से पहले दो राउंड जीते थे।
भारतीय मुक्केबाज पहले राउंड में 4-1 से पिछड़ रही थीं और पांच में से चार जजों ने 10-9 का स्कोर वालेंसिया के पक्ष में दिया था। इसके बाद मैरीकॉम ने जबर्दस्त वापसी की और पांच में से तीन जजों ने उनके पक्ष में फैसला दिया। मगर वालेंसिया के पक्ष में कुल स्कोर था। हार से निराश मैरीकॉम ने बाउट के बाद कहा, 'मुझे नहीं पता कि वहां क्या हुआ। मुझे लगा पहले राउंड में हम दोनों ने अपनी रणनीति समझी और अगले दो राउंड में मैं जीती।'
मणिपुर की मुक्केबाज ने तीसरा राउंड भी जीता था, लेकिन उनका स्कोर 3-2 था न कि 4-1, जिससे वह आखिरी स्कोर को अपने पक्ष में कर पातीं। 38 साल की मैरीकॉम को कोलंबियाई मुक्केबाज के खिलाफ 2-3 की शिकस्त झेलनी पड़ी। कई बार एशियाई चैंपियन और 2012 लंदन ओलंपिक्स की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट ने ओलंपिक्स में अपनी आखिरी बाउट में सबकुछ झोंका।
एमसी मैरीकॉम ने टाइम्स नाउ की करिश्मा सिंह से बातचीत में कहा, 'मुझे अपने ऊपर अब भी विश्वास नहीं हो पा रहा है। मुझे लगा कि मैं जीत गई। रिंग के अंदर मैंने अपना हाथ उठाया क्योंकि मुझे स्पष्ट दिखा कि मैं जीत गईं हूं। मुझे नहीं पता कि क्या कहूं। मुझे अपने ऊपर अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है और मुझे नहीं पता कि क्या कहूं। हर कोई मैच देख रहा था। उन्हें पता है कि कौन जीता। मैं फैसले से निराश हूं।'
एमसी मैरीकॉम ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बॉक्सिंग टास्क फोर्स पर खराब जजमेंट के आरोप लगाए हैं। टोक्यो में टास्क फोर्स बॉक्सिंग स्पर्धा का आयोजन कर रही है क्योंकि आईओसी ने कुशासन और आर्थिक खामियों के कारण अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) को निलंबित कर दिया था। 38 साल की मैरीकॉम ने कहा, 'मुझे नहीं पता और यह फैसला समझ नहीं आया। टास्क फोर्स के साथ गलत क्या है? आईओसी के साथ गलत क्या है? मैं टास्क फोर्स की सदस्य रही हूं। मैंने उन्हें साफ प्रतियोगिता कराने के लिए सलाह दी और उनका समर्थन किया। मगर उन्होंने मेरे साथ क्या किया।'
मैरीकॉम भले ही टोक्यो ओलंपिक्स से बाहर हो गई हो, लेकिन छह बार की विश्व चैंपियन ने संन्यास की बातों को खारिज कर दिया है। उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि यह उनका आखिरी ओलंपिक्स था, लेकिन वह कुछ और सालों तक बॉक्सिंग करना जारी रखेंगी। वह भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ स्तर पर मेडल जीतना जरी रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा, 'जी हां, मैं बॉक्सिंग जारी रखूंगी। कम से कम 40 तक खेलना चाहूंगी। मैं ओलंपिक्स के बारे में कुछ नहीं कह सकती और शायद उम्र के कारण मैं ऐसा कर भी नहीं सकूं। मगर अब भी मेरे पास दो साल हैं और मैं लडूंगी।'