नई दिल्ली। इसरो के खाते में एक और कामयाबी जुड़ गई। सतीश धवन स्पेस सेंटर से EOS01 और 9 कस्टमर सैटेलाइट्स को लांच किया गया। 0 सैटेलाइट को एक साथ लॉन्च किया है. इन उपग्रहों को लेकर पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) दोपहर बाद 3 बजकर 12 मिनट पर सतीश धवन स्पेस सेंटर से रवाना हुआ। इन 10 उपग्रहों में से 9 कमर्शियल सैटेलाइट हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम नरेंद्र मोदी ने PSLV-C49 / EOS-01 मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो और भारत के अंतरिक्ष उद्योग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के समय में, हमारे वैज्ञानिकों ने समय सीमा को पूरा करने के लिए कई बाधाओं को पार कर लिया।मौसम की खराबी की वजह से PSLV C 49 की लॉन्चिंग में कुछ मिनट की देरी हुई थी।
इसरो ने लांच किया पीएसएलवीसी-49
पीएसएलवी सी-49 के सफलतापूर्वक लांच होने पर इसरो ने कहा कि यह संस्थान के लिए फक्र की बात है। इसमें कई तरह के बदलाव किए गए हैं और जिस तरह से लांच पैड से इसे बाहरी स्पेस में भेजा गया वो तकनीक का बेहतरीन उदाहरण है। इसरो अब न केवल तकनीकी पक्ष में महारत हासिल कर चुका है, बल्कि अब हम अपने तकनीकी पक्ष का व्यवसायिक इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
स्पेस मार्केट में भारत का दबदबा
इसरो का व्यवासायिक अंग एंट्रिक्स दूसरे देशों की सैटेलाइ़ट को अंतरिक्ष में भेजता है। इसरो की तकनीकी दक्षता के बाद दूसरे देश अब अपने सैटेलाइट को रवाना करने के लिए भारत की मदद लेते हैं। जानकार कहते हैं कि पहले सैटेलाइट लांचिंग में यूएस, रूस, फ्रांस और चीन का दबदबा था। लेकिन अब उस एकाधिकार को भारत ने चुनौती दी है। जिस सैटेलाइट को भेजने में नासा ज्यादा कीमत वसूल करता है उसके कम लागत में इसरो सैटेलाइट को भेजता है और इस तरह से अंतरिक्ष विज्ञान में कड़ी चुनौती दे रहा है।