असम पुलिस के क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने जनहित में एक एडवाइजरी जारी की है। ये नई एडवाइजरी वॉट्सऐप फ्रॉड को लेकर जारी की गई है। वॉट्सऐप के जरिए साइबर क्रिमिनल्स आए दिन टारगेट करते रहते हैं। कभी ये बैंक अधिकारी बनकर लोगों को मैसेज करते हैं तो कभी किसी संस्था का नाम लेकर ठगी को अंजाम देते हैं। अब इस बार साइबर अपराधी लोगों को लूटने का एक नया तरीका लेकर आए हैं।
असम CID के मुताबिक, इस साइबर ठग चर्चित अधिकारियों की फोटो और नाम का इस्तेमाल WhatsApp के जरिए लोगों को ठगने के लिए कर रहे हैं। इस बार ठग गिफ्ट कार्ड्स जैसे तरीकों को अपना रहे हैं। इतना ही नहीं वॉट्सऐप यूजर्स को लूटन के लिए ये ठग मुख्यमंत्री तक की फोटो को इस्तेमाल कर रहे हैं।
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TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवाईवी कृष्णा ने जानकारी दी है कि इसी तरह के मामले त्रिपुरा, मेघालय, दिल्ली, तेलंगाना, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सामने आए हैं। असम में अब तक वॉट्सऐप के जरिए ठगी का ऐसा ही एक मामला सामने आया है। रैकेट के अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर संदेह करते हुए उन्होंने आगे कहा, 'हम मामले की जांच कर रहे हैं और अन्य राज्य भी अपने मामलों की जांच कर रहे हैं। हम गृह मंत्रालय के संपर्क में भी हैं।'
किस तरह की जा रही है ठगी?
सबसे पहले अपराधी किसी संस्था और उसके कर्मचारियों के बारे में ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध सभी जानकारियों को इक्ट्ठा कर लेते हैं या किसी वरिष्ठ अधिकारी के कॉन्टैक्ट लिस्ट को गलत तरीके एक्सेस कर लेते हैं।
इसके बाद अपराधी वेबसाइट्स, सोशल मीडिया साइट्स, ईमेल और मैसेंजर ऐप आदि से उस संगठन या विभाग के वरिष्ठ अधिकारी/राजनीतिक कार्यकारी/संवैधानिक प्राधिकारी का नाम और फोटो प्राप्त करते हैं और उन तस्वीरों का उपयोग करके अज्ञात फोन नंबर के साथ WhatsApp अकाउंट को ओपन करते हैं और कर्मचारियों को ठगने का काम करते हैं।
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दरअसल अपराधी किसी भी जूनियर कर्मचारी को वॉट्सऐप पर मैसेज करते हैं कि वे किसी जरूरी मीटिंग में हैं। इस वजह से अभी कॉल कर नहीं कर सकते। ना ही उठा सकते हैं। ऐसे में अमेजन ई-गिफ्ट कार्ड खरीदने की मदद चाहते हैं। या फंड ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। ऐसे में CID की ओर से कहा गया है कि किसी भी तरह के पेमेंट करने से पहले संदेह होने पर अधिकारियों से बात कर लें।
बीते 11 जुलाई को, असम के उद्योग, वाणिज्य और सार्वजनिक उद्यम मंत्री बिमल बोरा की तस्वीर के साथ के एक नकली WhatsApp अकाउंट का पता चला था। इसका इस्तेमाल कर अपराधियों ने विभाग के दो संयुक्त सचिवों ओहद उज़ जमान और भास्कर ज्योति महंत को मैसेज भेजे थे और डिप्टी सेक्रेटरी रमेन लाल वैश्य और सेंग तैमूंग ने पैसे ठगने की कोशिश की थी।