अनिल अंबानी के कारण मुकेश अंबानी को भरने पड़ सकते हैं 13 हजार करोड़ रुपये!

टेक एंड गैजेट्स
Updated Nov 06, 2019 | 15:38 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Mukesh Ambani: आरकॉम पर दूरसंचार विभाग के बकाया के कारण जियो को आने वाले वक्त में 13 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जियो पर भी इसका असर हो सकता है।

Mukesh Ambani
Mukesh Ambani: मुकेश अंबानी को भरने पड़ सकते हैं हजार करोड़ रुपये 
मुख्य बातें
  • आरकॉम के ऊपर डीओटी का 20 हजार करोड़ रुपये का बकाया है।
  • आरकॉम दिवालिया घोषित किए जाने के लिए अपील कर चुकी है, इसलिए डीओटी को इस राशि के लिए इंसॉल्वेंसी कोर्ट में अपील करनी होगी।
  • आरकॉम के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल रिलायंस जियो कर रही है।

नई दिल्ली: टेलीकॉम इंडस्ट्री के ऊपर पड़े हजारों करोड़ रुपये के बोझ से मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो भी अछूती नहीं है। रिलायंस जियो के कंधे पर 13 हजार करोड़ रुपये का बोझ आ सकता है, जो रिलायंस कम्यूनिकेशन के ऊपर बकाया है। दरअसल, आरकॉम पर लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करने संबंधी 13 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे रिलायंस जियो को भरना पड़ सकता है। हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। 

आरकॉम का मालिकाना हक अनिल अंबानी के पास है। इस कंपनी पर 20 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें 16,456 करोड़ रुपए लाइसेंस फीस का और 3,533 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम यूज चार्ज का शामिल है। आरकॉम को इस पैसे की भरपाई दूरसंचार विभाग को करनी है। फिलहाल कंपनी दिवालिया के लिए अपील कर चुकी है, इसलिए दूरसंचार विभाग को बकाया के लिए इंसॉल्वेंसी कोर्ट में ऑपरेशनल क्रेडिटर के रूप में दावा करना होगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरसंचार विभाग 13 हजार करोड़ रुपये के कुल बकाया के लिए दावा कर सकती है। दूरसंचार विभाग ये पैसे रिलायंस जियो से 800 MHz बैंड में  47.50 MHz के स्पेक्ट्रम के लिए चार्ज कर सकता है। ये स्पेक्ट्रम 13 सर्किल में मौजूद हैं और फिलहाल रिलायंस जियो द्वारा इनका इस्तेमाल 4जी सर्विस के लिए किया जा रहा है। 

यदि आरकॉम के ऊपर 13 हजार करोड़ रुपये का बकाया जियो को नहीं भरना पड़ता है, तो एजीआर और एसयूसी के नाम पर जियो को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मात्र 41 करोड़ रुपये देने होंगे। फिलहाल जियो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संबंध में सीओएआई और डीओटी दोनों को पत्र लिख चुकी है, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट के एजीआर संबंधित आदेश पर किसी भी प्रकार की राहत ना देने की बात कही गई है। 

सीओएआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दूरसंचार विभाग को पत्र लिख टेलीकॉम कंपनियों पर 1.33 लाख करोड़ रुपये के बकाया के संबंध में राहत देने को कहा है। जिसमें 80 हजार करोड़ रुपये का बकाया सिर्फ वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल पर है। जियो ने इस संबंध में टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी पत्र लिखा है। 

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