नई दिल्ली : आसमान में आज अद्भुत नजारा दिखने वाला है। ऐसी घटना कई वर्षों बाद होती है। वैज्ञानिक तथ्यों के मुताबिक, 100 साल में तकरीबन 41 बार ऐसा होता है। आकाश में आज (शनिवार, 31 अक्टूबर) रात जो घटना होने वाली है, उसे ब्लू मून कहा जाता है। यह घटना रात करीब 8 बजकर 19 मिनट पर होने वाली है, जब आकाश में अद्भुत व दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा।
'ब्लू मून' का अर्थ अक्सर लोग चांद के नीला होने से लगा लेते हैं, पर वास्तव में यह घटना चांद के नीला होने जैसी नहीं है। वास्तव में इस शब्द का प्रयोग किसी ऐसी घटना के लिए हो, जिसका घटित होना दुर्लभ होता है। एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा भी ऐसी ही घटना है। आम तौर पर महीने में एक बार ही पूर्णिमा होती है, जब चांद अपने पूरे आकार में दिखाई देता है। लेकिन जब महीने में दो बार ऐसा हो तो यही घटना 'ब्लू मून' कहलाती है।
ऐसा बहुत कम होता है, जब एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा दिखाई दे। इसकी वजह यह है कि अंग्रेजी का महीना जहां आम तौर पर 30 या 31 दिन का होता है और औसतन हर महीने को 30.5 दिनों में बांटा जा सकता है, वहीं चांद का महीना 29 दिन, 12 घंटे, 44 मिनट और 38 सेकंडा का होता है, जिसे औसत रूप में 29.5 दिन का कहा जा सकता है। इस तरह एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होना संभव नहीं हो पाता।
माना जाता है कि करीब 30 महीने बाद साल में एक बार अतिरिक्त पूर्ण चंद्र की स्थिति बनती है और वही ब्लू मून कहलाता है। इस बार अक्टूबर में 1 और 2 तारीख के आसपास पूर्णिमा दिखा था, जिसके बाद अब 31 अक्टूबर को फिर से चांद अपने पूरे आकार में होगा। भारत में यह घटना रात 8 बजकर 19 मिनट पर होने जा रही है। नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप और एशिया के अधिकांश हिस्सों में भी लोग इस घटना के गवाह बन सकेंगे।