क्या है Starlink प्रोजेक्ट, जिसके जरिए भारत पर दांव लगा रहे हैं एलन मस्क

Starlink In India: एलन मस्क स्टारलिंक प्रोजेक्ट्स के जरिए, भारत में इंटरनेट सेवाएं जल्द शुरू कर सकते हैं। कंपनी इसके जरिए सेटेलाइट के जरिए इंटरनेट सेवाएं देगी।

STAR LINK PROJECT ELON MUSK
स्टार लिंक के जरिए सेटेलाइट से इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी।  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • स्टारलिंक का कहना कि उसे भारत से 5,000 से अधिक प्री-बुकिंग आर्डर मिले हैं।
  • सेटेलाइट के जरिए इंटरनेट सेवाएं देने से ग्रामीण और सुदूर इलाकों में इंटरनेट की पहुंच आसान होगी।
  • स्टारलिंक ने भारत में संजय भार्गव को कंट्री हेड के रुप में नियुक्त किया है।


नई दिल्ली: दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मॉस्क जल्द ही भारत में  Starlink के जरिए भारत में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर बिजनेस में उतर सकते हैं। इसके लिए वह भारत में अपने लिए पार्टनर भी तलाश रहे हैं। भारत में SPACE X की सहयोगी कंपनी Starlink के कंट्री डायरेक्टर संजय भार्गव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा है 'मुझे उम्मीद है कि हमें एक निश्चित समय में 100 फीसदी ब्रॉडबैंड योजना मिलेगी जो अन्य जिलों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकेगी। उन्होंने यह भी कहा है कि नीति आयोग द्वारा चरण-1 के तहत 12 आकांक्षी जिलों की पहचान करने के बाद ब्रॉडबैंड सेवाएं देने वाली कंपनियों के साथ चर्चा शुरू होगी । 

भारत में मिले 5000 से अधिक प्री-बुकिंग आर्डर

स्टारलिंक का कहना कि उसे भारत से 5,000 से अधिक प्री-बुकिंग आर्डर मिले हैं। कंपनी प्रति ग्राहक 99 डॉलर या 7,350 रुपये ले रही है और बीटा चरण में 50 से 150 एमबीपीएस प्रति सेकंड की डाटा स्पीड देने का दावा कर रही है है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब भारत में पहले से ही इंटरनेट सेवाएं देने के लिए जिओ, एयरटेल जैसी कंपनियां मौजूद हैं, तो एलन मस्क क्यों भारत में सेवाएं देना चाहते हैं। इसे समझने के लिए हमें स्टार लिंक की सेवाओं को जानना होगा।

क्या है STAR LINK 

असल में एलन मस्क स्टार लिंक के जरिए सेटेलाइट के माध्यम से इंटरनेट सेवाएं दे रहे हैं। और अब भारत में भी इसकी शुरुआत करना चाहते हैं। और इन सेवाओं को शुरू करने के लिए उन्हें रेग्युलेटरी अप्रूवल का इंतजार है। एलन मस्क अभी अमेरिका सहित कुछ देशों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह सेवाएं अभी 1500 से ज्यादा सेटेलाइट के जरिए दी  जा रही हैं। कंपनी प्रोजेक्ट के पहले चरण में 12 हजार सैटेलाइट्स लॉन्च कर सकती है। 

अभी भारत में कैसे मिलता है इंटरनेट

भारत में वायरलेस इंटरनेट वायमैक्स सर्विसेस और मोबाइल इंटरनेट उपलब्ध है। और यह टेरेस्टेरियल नेटवर्क से जुड़ा है। इस वजह से जिन इलाकों में टॉवर्स नहीं होते हैं, वहां इंटरनेट सर्विसेस नहीं मिल पाती है। सेटेलाइट से सर्विस मिलने की वजह से न केवल स्पीड फॉस्ट होगी, बल्कि ऐसे इलाकों में इंटरनेट सेवाएं आसानी से पहुंच सकेगी, जहां पर टॉवर उपलब्ध नहीं  है। इसीलिए भारत में वह ग्रामीण क्षेत्रों पर खास तौर से स्टार लिंक फोकस कर रही है।

कितनी होगी स्पीड

साल 2022 में स्टारलिंक का काम पूरी दुनिया में फैलने की उम्मीद है। इसकी स्पीड 50 एमबीपीएस से लेकर 150 एमबीपीएस तक हो सकती है। इसे ऑर्डर करने का पूरा काम ऑनलाइन रखा गया है।  स्टारलिंक के सैटेलाइट धरती से ज्यादा नजदीक हैं। इसलिए इंटरनेट की स्पीड तेज होगी। यह सेवा उन इलाकों में ज्यादा कारगर होगी जहां आम इंटरनेट सेवा काम नहीं करती है या फिर स्पीड स्लो है। स्पेसएक्स इंटरनेट स्पीड को 300 एमबीपीएस तक ले जाने की तैयारी में है।

अगली खबर