नई दिल्ली: अपने करोड़ों यूजर्स के बीच लाखों मैसेजे से आदान-प्रदान के साथ, व्हाट्सएप फेक मैसेज और गलत सूचनाओं को फैलाने वाले के तौर पर उभरा है। इसका फॉरवर्ड मैसेज फीचर यूजर्स को एक साथ कई कॉन्टैक्ट्स को जानकारी शेयर और प्रसारित करने में सक्षम बनाता है। इसके चलते इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे मैसेजों में उछाल आया है।
फेक मैसेज: इस तरह के एक वायरल मैसेज को सोशल नेटवर्क प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि व्हाट्सएप ने अपने यूजर्स को यह बताने के लिए 'रेड टिक' पेश किया है और सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। यह मैसेज यह भी दावा करता है कि दो ब्लू और एक रेड टिक से संकेत मिलता है कि सरकार कार्रवाई कर सकती है जबकि एक ब्लू और दो रेड टिक का अर्थ है कि सरकार "आपके डेटा की स्क्रीनिंग" कर रही है। अंत में, यह दावा करता है कि तीन रेड टिक का मतलब है "सरकार ने आपके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है और आपको कोर्ट का समन प्राप्त होगा।
ये पूरी तरह से झूठे दावे हैं!
फैक्ट : व्हाट्सएप ने कोई भी रेड टिक सिस्टम जारी नहीं किया है जो सरकार को आपके संपर्कों को साझा करने या आपके द्वारा साझा किए गए मैसेज को पढ़ने की अनुमति देगा। व्हाट्सएप में केवल ब्लू टिक या रीड रिसिप्ट्स फीचर है जो जो अपने यूजर्स को यह देखने की अनुमति देती है कि रिसीवर ने मैसेज देखा है या नहीं।
व्हाट्सएप ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि एक ग्रुप चैट में, दूसरा चेक मार्क तब दिखाई देता है जब ग्रुप के सभी मेंबर को आपका मैसेज मिल गया हो। ग्रुप में सभी मेंबर द्वारा आपके मैसेज को पढ़ने पर दो ब्लू चेकमार्क दिखाई देते हैं।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने ट्विटर पर इस अफवाह को खारिज कर दिया और कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित मैसेज 'व्हाट्सएप सूचना से जुड़ी √ टिक #FAKE है। #PIBFactCheck: नहीं! सरकार ऐसा कुछ नहीं कर रही है। मैंसेज #FAKE है। अफवाहों से सावधान!