Twitter की टक्कर में आया भारत का Koo App

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने स्टार्टअप समुदाय  के युवा पीड़ी को "मेड इन इंडिया" ऐप्स बनाने के लिए प्रेरित किया। स्टार्टअप्स समुदाय ने ट्विटर (Twitter) को टक्कर देने के लिए कू ऐप (Koo App) लॉन्च किया।

India's Koo App comes in competition with Twitter
ट्विटर की तरह भारत का कू ऐप 
मुख्य बातें
  • भारत को मिला भारतीय 'ट्विटर' 
  • पीएम मोदी के आत्मनिर्भरता और डिजिटल इंडिया के कॉन्सेप्ट से अब और इस सेगमेंट के बढ़ने के आसार हैं
  • गांव के लोग भी अपनी बात अब अपनी भाषा में रख सकते है

जहां एक तरफ भारत-चीन में तनाव बढ़ रहा है  वहीं दूसरी ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 59 चीनी ऐप्स को बैन कर इस मामले में भारत को आत्मनिर्भरता की लहर में तब्दील कर  भारत के लोकल ऐप्प डिवेलपर्स  और स्टार्टअप्स समुदाय को वर्ल्ड-क्लास एप्स बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन  देते हुए  "मेड इन इंडिया" एप्प  इनोवेशन चैलेंज लॉन्च किया। जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने स्टार्टअप समुदाय  के युवा पीड़ी को "मेड इन इंडिया" एप्स बनाने के लिए प्रेरित किया। फिलहाल, चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगने के 6 दिनों में ही भारत के स्टार्टअप्स समुदाय ने कई ऐसे वीडियो शेयरिंग और लाइफस्टाइल एप्स लॉन्च किए जिनके यूजर्स 5 गुना तक बढ़ चुके हैं। जबकि लाइफस्टाइल ऐप के पांच दिन में ही 1.2 करोड़ डाउनलोड देखे जा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर भारत में अब लैंग्वेज बेस्ड माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। कू (Koo App) भी भारतीय मार्केट में  मौजूद एक ऐसा ही ऐप है जो भारतीय लोगों को अपने खुद की लैंग्वेज में अपने आइडिया को शेयर करने का प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता और डिजिटल इंडिया के कॉन्सेप्ट से अब और इस सेगमेंट के बढ़ने के आसार हैं। आप  ट्विटर (Twitter) की तरह इसमें चीजों को पोस्ट करने के साथ इमेज और वीडियो को अटैच कर सकते हैं।

इसके अलावा आप दूसरे के पोस्ट  पर कमेंट करने के साथ उसे फॉलो भी कर सकते हैं। कंपनी ने इस प्लेटफॉर्म में हिंदी के अलावा तमिल, कन्नड, और तेलगु भाषा में लॉन्च किया है। वहीं कंपनी आने वाले समय में  मराठी, गुजराती, पंजाबी, आसामी, बांग्ला, मलयालम, उड़िया जैसी भाषाएं भी इस प्लेटफॉर्म में शामिल करेगी। इसमें आपको ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट तीनों का ऑप्शन मिलता है।  

कंपनी ने अपने इस एप को एंड्रॉइड और iOS दोनों के लिए उपलब्ध करवाया है। कंपनी के इस प्लेटफॉर्म में पॉलिटिशन, न्यूज पब्लिकेशन, सेलिब्रेटी के साथ कई लोग पहले से ही जुड़े हुए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अभी भी ज्यादातर लोग इंग्लिश के बजाए अपनी  लैंग्वेज में बात करते हैं, ऐसे में ऐसा प्लेटफॉर्म काफी महत्वपूर्ण हो सकता है, जहां लोग अपनी लैंग्वेज में अपने आइ़डिया को दूसरों से शेयर करने के साथ उनसे चैट कर पाएंगे। 

इस प्लेटफॉर्म को हिंदी समेत अन्य रीजनल लैंग्वेज के साथ लॉन्च किया गया है। इसमें इंग्लिश लैंग्वेज को नहीं जोड़ा गया है। कंपनी  का मकसद उस प्लेटफॉर्म पर ऐसे लोगों को लाना है जो अपनी रीजनल लैंग्वेज का इस्तेमाल अपने दोस्तो, फैमिली मेंबर्स से चैट करने के लिए करना चाहते हैं।

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