नई दिल्ली: आने वाला महीना जून खगोलीय घटनाओं के लिहाज से अहम है क्योंकि अगले महीने सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों ही होने हैं, चंद्रग्रहण जहां 5 जून को होगा जबकि सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को होगा, वैज्ञानिकों की इस खगोलीय घटना पर पैनी नजर है। यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है, पहला 10 जनवरी को लगा था। वहीं सूर्य ग्रहण की तारीख 21 जून है।
चंद्रग्रहण क्या है
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है।
चंद्रग्रहण का प्रकार एवं अवधि चंद्र आसंधियों के सापेक्ष चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चांद के इस रूप को 'ब्लड मून' भी कहा जाता है। चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद ये पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है।
किसी सूर्यग्रहण के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चंद्रग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। जहाँ चंद्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्यग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चंद्रग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है। इसके अतिरिक्त चंद्रग्रहण को, सूर्यग्रहण के विपरीत, आँखों के लिए बिना किसी विशेष सुरक्षा के देखा जा सकता है, क्योंकि चंद्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चंद्र से भी कम होती है।
सूर्य ग्रहण एक तरह का ग्रहण है जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है तथा पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा आच्छादित होता है।
भौतिक विज्ञान की दृष्टि से जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। पृथ्वी सूरज की परिक्रमा करती है और चाँद पृथ्वी की। कभी-कभी चाँद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है। फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है जिससे धरती पर साया फैल जाता है। इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
टाइम एंड डेट डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका में हैं, तो आप चांद को एक शेड डार्क करते हुए देख सकते हैं। यह एक पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा जो आमतौर पर एक नियमित पूर्णिमा से अंतर करना मुश्किल होता है।
5 जून के चंद्र ग्रहण की कुल अवधि लगभग 3 घंटे 18 मिनट होगी
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सूर्यग्रहण 21 जून को उत्तरी भारत, चीन, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया और दक्षिण में पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। रिपोर्ट कहते है कि अगर मौसम साफ है, तो आप "ring of fire" देखेंगे।
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