नई दिल्ली। किसीभी चीज पर ग्रहण लगने का अर्थ होता है कि अनिष्ट होगा। अगर आप शुभ काम करने के बारे में सोच रहे होते हैं तो तमाम तरह की मुश्किलें सामने आती हैं। ब्रह्मांड में तरह तरह की घटनाएं घटित होती हैं जो अपने आपमें अलौकिक होती हैं। ग्रहण उनमें से एक है। सोलर सिस्टम में सूर्य एक तारा है जिसके चारों तरफ और पृथ्वी घुमती रहती हैं, इसी तरह से चंद्रमा पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाता है और उसे पृथ्वी का उपग्रह कहते हैं। इनके परिभ्रमण की वजह से कभी कभी चंद्रमा का कुछ हिस्सा ढंकता है तो कभी कभी सूरज का कुछ हिस्सा ढंक जाता है।
सूर्य और चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक सामान्य ग्रहीय घटना बताते हैं। लेकिन पौराणिक तौर इसके खास मतलब होते हैं। साल 2020 का आखिरी ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा और इसी तरह से 2021 में कितने ग्रहण लगेंगे इसके बारे में खास जानकारी यहां पर बताएंगे।
2021 में कुल चार ग्रहण लगेंगे
भारत में सूर्यग्रहण नहीं दिखाई देगा
इस तरह से 2021 में कुल चार ग्रहण लगेंगे ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि इसके पीछे संयोग क्या है और उसका प्रभाव कैसे पड़ेगा। खास बात यह है कि 2020 में लगने जा रहा सूर्य ग्रहण और 2021 में लगने वाला अंतिम सूर्यग्रहण मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन घटित होगा इसी तरह 2020 और 2021 का सूर्यग्रहण भारत के किसी भी हिस्से में नजर नहीं आएगा।
धार्मिक मान्यता के हिसाब से ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। ग्रहण के दौरान किसी तरह के कार्य को करना वर्जित किया जाता है। खासातौर से पूजा पाठ या शादी विवाह के कार्यक्रम संपन्न नहीं कराने री सलाह दी जाती है। इसके साथ ही देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाता है। मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। मान्यता के मुताबिक इस समय असूर शक्तियां प्रभावी होती हैं। लिहाजा कोई भी मांगलिक कार्य बाधा की शिकार हो सकती है।