दुर्लभ खगोलीय घटना! एक लाइन में दिखाई देंगे शनि, मंगल, शुक्र और बृहस्पति

अप्रैल के महीने में एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। क्योंकि शनि, बृहस्पति, मंगल और शुक्र की एक लाइन में धरती से नजर आएंगे। तीन दिन बाद यानी 17 अप्रैल 2022 से 20 अप्रैल तक हमारे सौर मंडल के चारों प्रमुख ग्रह आसमान में एक सीधी रेखा में मौजूद रहेंगे।

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मुख्य बातें
  • शनि, बृहस्पति, मंगल और शुक्र की एक लाइन में धरती से नजर आएंगे
  • जिन्हें रात में तारे देखने का शौक है उनके लिए ये नजारा बेहद अद्भुत होगा
  • 17 अप्रैल 2022 से सुबह की रोशनी होने से पहले ये चारों ग्रहक एक कतार में आने लगेंगे

अप्रैल के महीने में एक दुर्लभ खगोलीय घटना देखने को मिलेगी। क्योंकि शनि, बृहस्पति, मंगल और शुक्र की एक लाइन में धरती से नजर आएंगे। तीन दिन बाद यानी 17 अप्रैल 2022 से 20 अप्रैल तक हमारे सौर मंडल के चारों प्रमुख ग्रह आसमान में एक सीधी रेखा में मौजूद रहेंगे। जिन्हें खगोलीय घटनाओं में काफी दिलचस्पी रहती है और जिन्हें रात में तारे देखने का शौक है उनके लिए ये नजारा बेहद अद्भुत होगा। 

पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध यानी इक्वेटर लाइन के ऊपरी हिस्से के सारे देश इस खूबसूरत नजारे को देख सकेंगे। भारत में ये नजारा आसानी से नजर आएगा। हालांकि, आपका गांव या शहर प्रदूषण मुक्त रहे। 

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आप ऐसे देख सकेंगे

17 अप्रैल 2022 से सुबह की रोशनी होने से पहले ये चारों ग्रहक एक कतार में आने लगेंगे। इसके बाद 20 अप्रैल 2022 का दिन सबसे खास होगा क्योंकि इन दिन सबसे खूबसूरत नजारा दिखाई देगा। इस दिन ये चारों ग्रह एक लाइन में होंगे। अगर आप इस अद्भुत खगोलीय घटना का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको 20 अप्रैल को सुबह सूरज निकलने से पहले पूर्व की दिशा में आसमान में देखना होगा। अगर साफ रहा तो लोगों को इन ग्रहों को देखने के लिए टेलीस्कोप की भी जरूरत नहीं होगी। 

सितारों से भरे आकाश में इन ग्रहों को नहीं टिमटिमाने की वजह से पहचाना जा सकेगा। क्योंकि, सितारे टिमटिमाते हैं और ग्रह आमतौर पर लगातार चमकते रहते हैं। इससे पहले शनि, बृहस्पति, मंगल और शुक्र एक लाइन में 2020 में देखे गए थे और इससे पहले 2016 और 2005 में। 

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जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार, ये संयोजन उतने करीब नहीं हैं, लेकिन फिर भी वास्तव में प्रभावशाली हैं। ये सुबह के आकाश में रोमांचकारी जगहें बनाएंगे। एक लाइन का मतलब ये नहीं है कि ये ग्रह एक-दूसरे को ओवरलैप करेंगे या एक-दूसरे के बेहद करीब आएंगे। ये अंतरिक्ष में अरबों किलोमीटर की दूरी पर रहेंगे। 

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