नई दिल्ली: पृथ्वी को लेकर एक खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि सूरज की सतह से उठा भयंकर सौर तूफान बेहद तेज गति से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है, कहा जा रहा है कि इसकी रफ्तार 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे है हो सकता है कि ये स्पीड और भी ज्यादा हो, अंदेशा जताया जा रहा है कि यह सौर तूफान (Solar Storm) रविवार या सोमवार को किसी भी समय पृथ्वी से टकरा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष में महातूफान आ जाए, तो उससे धरती के लगभग सभी शहरों की बिजली जा सकती है, वैज्ञानिकों के मुताबिक, उत्तरी या दक्षिणी अक्षांशों पर रहने वाले लोग रात के वक्त खूबसूरत ऑरोरा को देख पाएंगे, यह ध्रुव के पास रात के समय आसमान में चमकने वाली रोशनी होती है।
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इसकी वजह से सैटेलाइट सिग्नलों में बाधा आ सकती है वहीं रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन और मौसम पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। सूरज के वायुमंडल से पैदा हुए इस सौर तूफान के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभुत्व वाले अंतरिक्ष के एक क्षेत्र में काफी प्रभाव देखने को मिल सकता है।
सौर तूफान से धरती का बाहरी वायुमंडल गर्म हो सकता है जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर पड़ेगा, इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है, पावर लाइंस में करंट तेज हो सकता है हालांकि आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है।
1582 में आए महातूफान को दुनिया में देखा गया था उस वक्त लोगों को ऐसा लगा कि धरती खत्म होने वाली है, उस समय के पुर्तगाल के लेखक सोआरेस ने लिखा है, 'उत्तरी आसमान में हर तरफ तीन रातों तक बस आग ही आग दिखाई दे रही थी,आकाश का हर हिस्सा ऐसा लग रहा था जैसे मानो आग की लपटों में तब्दील हो गया हो।' उन्होंने लिखा है, 'मध्यरात्रि को किले के ऊपर एक भयानक आग की किरणें उभरकर सामने आईं जो बहुत भयानक और डरावनी थी।