मेड इन इंडिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/वेबिनार प्लेटफॉर्म वीडियोमीट ने अपने यूजर्स के लिए ब्रेकआउट रूम फीचर लांच किया है। यह सुविधा प्लेटफार्म पर मीटिंग कर रहे मेजबानों को अपनी चल रही वीडियोमीट मीटिंग को कई अलग-अलग छोटे सत्रों अथवा रूम में विभाजित करने की अनुमति देती है और यह सब मैनुअल और स्वचालित समायोज्य काउंटडाउन टाइमर के साथ शुरू हुई बैठक में शामिल होने के लिए होता है।
वीडियोमीट ब्रेक आउट रूम की खासियत
वीडियोमीट ब्रेकआउट रूम के प्रतिभागियों के पास ऑडियो, वीडियो और स्क्रीन साझा करने की क्षमता है। मीटिंग के मेजबान को एक ब्रेकआउट रूम नहीं सौंपा जाएगा और पूरी गोपनीयता के साथ मीटिंग के दौरान ब्रेकआउट रूम में क्या हो रहा है, मेजबान यह देख या सुन नहीं सकता है।यह सुविधा ब्रैनस्टोर्मिंग सेशन के लिए बेहतर है, किसी भी छोटे से बड़े साइज की मीटिंग को लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप के साथ कई अलग-अलग सत्रों में बदला जा सकता है। इसे किसी निर्धारित काम को तय समय में पूरा करने के लिए मेजबान द्वारा विशेष रूप से यादृच्छिक रूप से चुना जा सकता है, और फिर प्रतिभागी स्वचालित रूप से वापस जुड़ सकते हैं।
वीडियोमीट के संस्थापक डॉ. अजय डेटा ने कहा, "ब्रेकआउट रूम फीचर कॉर्पोरेट ट्रेनिंग में काम करने वाली इंडस्ट्रीज, कार्यक्रमों, कोचिंग, मेंटरिंग, ट्यूशन और यहां तक कि ऑनलाइन स्कूल क्लास के लिए अच्छी पसंद है। यह टीम प्रतियोगिताओं, मीटिंग के साथ अलग-अलग चर्चाओं के लिए भी अच्छा है। यह मीटिंग को पहले से बेहतर बनाने वाला है।"
मैनुअल और स्वचालित मोड में सुविधा
यह सुविधा दो मोड में उपलब्ध है- मैनुअल और स्वचालित। सबसे पहले व्यक्तिगत चयन द्वारा मैन्युअल रूप से लोगों को असाइन करना और स्वचालित में इन-बिल्ट सिस्टम द्वारा असाइनमेंट होता है। यह सुविधा सभी प्लान में उपलब्ध है - कोई प्रतिबंध और कोई सीमा नहीं, सभी वीडियोमीट यूजर इसका उपयोग कर सकते हैं।
वीडियोमीट सिंगल क्लिक से सिंगल साइन ऑन, पर्सनलाइज्ड रूम से लेकर आपके रूम की ब्रांडिंग तक, वर्चुअल बैकग्राउंड से मीटिंग का टोन सेट करने के लिए, किसी की मीटिंग की रिकॉर्डिंग से लेकर स्ट्रीमिंग और ब्रॉडकास्टिंग तक, सिर्फ एक एम्बेडेड लिंक के साथ इसे यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए इसे बिज़नेस यूटिलिटी फीचर को जोड़ने में निरंतरता बरतता है। डेवलपर्स और ओपन एपीआई के साथ वीडियोमीट ने एकीकरण को एक बदलाव बनाया है व एक 360 डिग्री सहयोगी समाधान बन गया है और भारत में सर्वर व ट्रांज़िट में एन्क्रिप्शन के साथ डिज़ाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा सुरक्षित भी है ।