सैन फ्रांसिस्को : ट्विटर ने मंगलवार को नए नियमों की शुरुआत कर दी है। जिसमें यूजर्स की फोटो और वीडियो को उनकी सहमति के बिना अन्य लोग साझा नहीं कर सकेंगे। ट्विटर ने यह कदम तब उठाया है जब उसके नए सीईओ पराग अग्रवाल ने जिम्मेदारी संभाली है। ट्विटर के मुताबिक इस अपडेट के पीछे उसका मकसद उत्पीड़न विरोधी नीतियों को और अधिक मजबूत बनाना है।
नए नियमों के तहत, जो लोग पब्लिक फीगर नहीं हैं, वे ट्विटर से उन तस्वीरों या वीडियो को हटाने के लिए कह सकते हैं जो बिना उनकी सहमति के पोस्ट की गई हैं। ट्विटर ने कहा कि यह नीति उन "जानी मानी हस्तियों (पब्लिक फीगर) या व्यक्तियों पर लागू नहीं होती है जब मीडिया उनके ट्वीट को सार्वजनिक हित में साझा करता है।' इसमें निजी जानकारी को उजागर करने की धमकी देना या दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना भी शामिल है।
ट्विटर के मुताबिक, निजी फोटो और वीडियो साझा करने से किसी शख्स की गोपनीयता भंग हो सकती है और इससे उसे भावात्मक या शारीरिक नुकसान भी हो सकता है। कंपनी के मुताबिक, निजी मीडिया का दुरुपयोग सभी को प्रभावित कर सकता है लेकिन महिला कार्यकर्ताओं, अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कंपनी के मुताबिक यह कोई व्यक्ति या उसके प्रतिनिधि द्वारा सूचित किया जाता है कि उन्होंने अपनी निजी फोटो या वीडियो साझा करने की अनुमति नहीं दी है तो हम इसे हटा लेंगे।
आपको बता दें कि ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डॉर्सी कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पद छोड़ दिया है। भारतीय मूल के अधिकारी पराग अग्रवाल जैक डॉर्सी की जगह लेंगे। आईआईटी-बंबई और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र अग्रवाल 2011 से ट्विटर में काम कर रहे हैं और 2017 से कंपनी के सीटीओ हैं। जब वह कंपनी में शामिल हुए थे तब उसके कर्मचारियों की संख्या 1,000 से भी कम थी।