पेगासस के जाल में फंसी व्हाट्सएप! इस तरह से शुरू होता था जासूसी का पूरा खेल

टेक एंड गैजेट्स
Updated Nov 01, 2019 | 16:52 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

WhatsApp Pegasus Explained: व्हाट्सएप पेगासस स्पाईवेयर इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। जानिए किस तरह से काम करता था ये स्पाईवेयर, जिसने नेता, जज और पत्रकारों की कथित जासूसी की है।

WhatsApp Pegasus Spyware
WhatsApp Pegasus Spyware: कैसे काम करता था व्हाट्सएप पेगासस स्पाईवेयर  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • व्हाट्सएप पेगासस स्पाईवेयर के जरिए कई भारतीयों की जासूसी का मामला सामने आया है
  • इसकी जद में नेता, पत्रकार और कई बड़े वकील और जज हैं
  • सरकार ने स्पाईवेयर मामले पर व्हाट्सएप से जवाब मांगा है

नई दिल्ली: इन दिनों व्हाट्सएप (WhatsApp) पर भारतीय पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स की जासूसी का मामला चरम पर है। इजरायल की एक फर्म के स्पाईवेयर पेगासस (Pegasus)का इस्तेमाल व्हाट्सएप पर भारतीयों की जासूसी के लिए किया गया है। इससे व्हाट्सएप यूजर्स की निजता को लेकर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं। इस स्पाईवेयर को इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप ने तैयार किया है, जिसे क्यू साइबर टेक्नोलॉजी के नाम से भी जाना जाता है। 

एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई कहानी

रिपोर्ट्स के मुताबिक अटैकर जिस व्यक्ति की जानकारी चाहता है, वह पेगासस का इस्तेमाल करके व्हाट्सएप पर सिर्फ एक मिस्ड कॉल के जरिए यूजर की जानकारी प्राप्त कर सकता है। व्हाट्सएप पर सिर्फ कुछ रिंग्स के जरिए ही पीड़ित के फोन में पेगासस एजेंट को इंस्टॉल किया जा सकता है। 

व्हाट्सएप साल 2014 में व्हाट्सएप वॉइस कॉलिंग की सुविधा और साल 2016 में व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग की सुविधा लेकर आया था। मई 2019 में व्हाट्सएप ने पहली बार कॉलिंग फीचर में सेंध लगने की बात कही की था। हालांकि कंपनी ने तुरंत ही इस दिक्कत को दूर कर लिया था। लगभग 5 महीने बाद अक्टूबर में एक बार फिर ये मामला उठा, जब व्हाट्सएप ने एनएसओ ग्रुप के खिलाफ सेंध लगाने की शिकायत दर्ज कराई है। 

क्या है व्हाट्सएप पेगासस स्पाईवेयर (WhatsApp Pegasus Spyware)

पेगासस कोई रैंडम स्पाईवेयर नहीं है, जो ऑनलाइन मिल जाता है। एनएसओ ग्रुप की नींव साल 2009 में रखी गई थी, जो इजरायल के बाजार में एक स्पेशल सर्विलांस टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंपनी के रूप में है। पेगासस को स्पाई प्रोडक्ट के रूप में जाना जाता है। एनएसओ ग्रुप में 500 कर्मचारी काम करते हैं और साल 2017 में कंपनी अनुमानित आय 1 अरब डॉलर थी। 

एनएसओ ग्रुप की वेबसाइट पर दिया गया है कि कंपनी ने सरकारी एजेंसी के लिए ग्लोबल और लोकल थ्रेड की रोकथाम के लिए कई बेस्ट इन क्लास टेक्नोलॉजी विकसित की है। कंपनी ने बताया है, 'हमारे प्रोडक्ट्स आंतक और अपराध के बचने के लिए सरकारी इंटेलिजेंस और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।'

  1. पेगासस के प्रोडक्ट बाउचर के अनुसार, 'एनएसओ हक के परिसर में पेगासस हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को तैनात और कॉन्फ़िगर करने के लिए जिम्मेदार है।'
  2. इस स्पाईवेयर के लिए- कोर आई5,  3 जीबी रैम मेमोरी, 320 जीबी हार्ड ड्राइव, विंडोज 7 ओएस के स्टैंडर्ड डेस्कटॉप पीसी की आवश्यकता होती है। 
  3. पेगासस स्पाईवेयर एंड्रॉयड, आईओएस, विंडोज फोन, ब्लैकबेरी, सिम्बियन और टीजेन ओएस पर काम करने वाले डिवाइस पर काम करता है। 
  4. ये स्पाईवेयर अपने शिकार के फोन में चोरी चुपके से एजेंट इंस्टॉल करता है। 
  5. फिशिंग मैसेज या मेल के जरिए पेगासस एजेंट को विक्टिम के फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है। 
  6. यदि अटैकर के पास विक्टिम का फोन या मेल आईडी नहीं है तो भी टैक्टिकल नेटवर एलिमेंट का इस्तेमाल करके पेगासस एजेंट को विक्टिम के फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है। 
  7. पेगासस अटैकर को विक्टिम के फोन का एसएमएस रिकॉर्ड, कॉन्टैक्ट डिटेल्स, कॉल हिस्ट्री, कैलेंडर रिकॉर्ड, ईमेल, इंस्टैंट मैसेजिंग और ब्राउजिंग हिस्ट्री की जानकारी देता है। 
  8. पेगासस स्पाईवेयर व्हाट्सएप, वाइबर, स्काइप और ब्लैकबेरी मैसेंजर का डेटा भी चुरा सकता है। 
  9. इसके साथ ही पेगासस चोरी से यूजर के फोन से फोटो क्लिक कर सकता है, कॉल रिकॉर्ड और आसपास की आवाज रिकॉर्ड कर सकता है। साथ ही फोन से स्क्रीनशॉट ले सकता है। 
  10. मिशन पूरा होने के बाद पेगासस ऑपरेटर हिट बटन पर क्लिक करने पेगासस एजेंट को फोन से डिलीट कर देता है
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