नई दिल्ली: 5 सितंबर यानी वह इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के रूप में हर शिक्षक और विद्यार्थी मनाता है। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। शिक्षक दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है लेकिन सबने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह कामकाजी दिन ही रहता है। 5 सितंबर को जब हर साल हम शिक्षक दिवस मनाते हैं, तो अपने शिक्षकों,गुरु,उस्ताद को नमन करते हैं, उन्हें गिफ्ट देते हैं, और बदले में उनसे ढेर सारा आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आइए टीचर्स डे के मौके पर अपने शिक्षकों को आदर स्वरूप कुछ कविताएं भेज सकते हैं।
1. सही क्या है, गलत क्या है,
ये सब बताते हैं आप,झूठ क्या है और सच क्या है
ये सब समझाते है आप,
जब सूझता नहीं कुछ भी
राहों को सरल बनाते हैं आप।
2.जीवन के हर अँधेरे में,
रौशनी दिखाते हैं आप,
बंद हो जाते हैं जब सारे दरवाज़े
नया रास्ता दिखाते हैं आप,
सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं
जीवन जीना सिखाते हैं आप!
Hindi Teachers Day Poem (टीचर्स डे की कविता)
3. गुरु बिन ज्ञान नहीं
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है,
जब तक है दिनमान नहीं रे॥
मिले न गुरु का अगर सहारा,
मिटे नहीं मन का अंधियारा
लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता,
पग आगे रखते मन डरता।
हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे।
गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥
जब तक रहती गुरु से दूरी,
होती मन की प्यास न पूरी।
गुरु मन की पीड़ा हर लेते,
दिव्य सरस जीवन कर देते।
गुरु बिन जीवन होता ऐसा,
जैसे प्राण नहीं, नहीं रे॥
भटकावों की राहें छोड़ें,
गुरु चरणों से मन को जोड़ें।
गुरु के निर्देशों को मानें,
इनको सच्ची सम्पत्ति जानें।
धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का,
कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥
गुरु से जब अनुदान मिलेंगे,
अति पावन परिणाम मिलेंगे।
टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे।
क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे॥
Happy Teachers Day Poem Hindi (शिक्षक दिवस पर कविता)
4. सुन्दर सुर सजाने को साज बनाता हूँ
नौसिखिये परिंदों को बाज बनाता हूँ.चुपचाप सुनता हूँ शिकायतें सबकी
तब दुनिया बदलने की आवाज बनाता हूँ.
समंदर तो परखता है हौंसले कश्तियों के
और मैं डूबती कश्तियों को जहाज बनाता हूँ,
बनाए चाहे चांद पे कोई बुर्ज ए खलीफा
अरे मैं तो कच्ची ईंटों से ही ताज बनाता हूँ ।।
Poem on Teachers Day in Hindi/ Kavita
5. गुरु आपकी ये अमृत वाणी हमेशा मुझको याद रहे
जो अच्छा है जो बुरा है उसकी हम पहचान करे,मार्ग मिले चाहे जैसा भी उसका हम सम्मान करे
दीप जले या अँगारे हो पाठ तुम्हारा याद रहे,
अच्छाई और बुराई का जब भी हम चुनाव करे
गुरु आपकी ये अमृत वाणी हमेशा मुझको याद रहे,
Teachers Day Poems / Kavita
6. हम स्कूल रोज हैं जाते
शिक्षक हमको पाठ पढ़ाते,दिल बच्चों का कोरा कागज
उस पर ज्ञान अमिट लिखवाते,
जाति-धर्म पर लड़े न कोई
करना सबसे प्रेम सिखाते,
हमें सफलता कैसे पानी
कैसे चढ़ना शिखर बताते,
सच तो ये है स्कूलों में
अच्छा इक इंसान बनाते,
अज्ञान को मिटा कर,
ज्ञान का दीपक जलाया है।
गुरु कृपा से मैंने,
ये अनमोल शिक्षा पाया है।
7.जिसे देता है हर व्यक्ति सम्मान,
जो करता है वीरों का निर्माण।
जो बनाता है इंसान को इंसान,
ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम।
8.गुरू बिना ज्ञान कहां,
उसके ज्ञान का आदि न अंत यहां।
गुरू ने दी शिक्षा जहां,
उठी शिष्टाचार की मूरत वहां।
9.दिया ज्ञान का भण्डार हमें
किया भविष्य के लिए तैयार हमें
हैं आभारी उन गुरुओं के हम
जो किया कृतज्ञ अपार हमें।
10.एक गुरु जब जीवन में आए
जीवन के सारे अर्थ बदल जाएं
सिखा कर वो नित नई बातें
दुनिया की हकीतत बतलाए
कभी भूमिका निभाए मित्र की ,
कभी समस्याओं के रंग दिखाए
11. है आज बहुत हर्षित मन मेरा, शिक्षक दिवस है पर्व सुनहरा
इस पुलकित पावन अवसर पर, वंदन करता है मन मेरा
आपकी महिमा आपका गौरव आपका चिंतन आपका ज्ञान
आपके ही उपदेश वचन, करते हैं सबका कल्याण
12. अक्षर अक्षर हमें सिखाते
शब्द शब्द का अर्थ बताते
कभी प्यार से कभी डांट से
जीवन जीना हमें सिखाते
13.ज्ञान का दीपक गुरु जलाते
अंधियारा अज्ञान मिटाते
विद्या रूपी धन देकर
प्रगति मार्ग पर हमें बढ़ाते