मदुरै की सड़कों पर रहने वाले एक भिखारी, पूलपांडियन ने कोविड-19 राहत कोष (Covid-19 Relief Fund) में 90,000 रूपये दान देने का काम किया, उसके इस काम को खासा सराहा जा रहा है, उसके इस नेक काम के लिए उसे जिला कलेक्टर टी. जी. विनय की ओर से पुरस्कार भी दिया गया है और इस कदम की तारीफ भी की गई।
इससे पहले पूलपांडियान ने मई में इस काम के लिए 10,000 रुपये का दान दिया था। उन्होंने बताया कि "मैंने यह पैसा बच्चों की शिक्षा के लिए दिया होता, लेकिन अब मैंने अपना पैसा राहत कोष में दान कर दिया है क्योंकि ये समस्या बहुत बड़ी है।"उन्होंने बताया कि "मुझे खुशी है कि जिला कलेक्टर ने मुझे एक सामाजिक कार्यकर्ता की उपाधि दी है।"
जिला कलेक्टर ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुरस्कार पाने वालों की सूची में पूलपांडियन का नाम भी शामिल किया था मगर पूलपांडियान को इसके लिए खोजा नहीं जा सका क्योंकि वह एक जगह नहीं रहते हैं। पूलपांडियन नौवीं बार पैसा देने के लिए खुद ही सोमवार को कलेक्टर ऑफिस आए तो उन्हें जिला कलेक्टर से मिलवाया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में तमिलनाडु में कोरोनोवायरस के 54,122 सक्रिय मामले हैं। COVID-19 से 2,83,937 लोगों की मौत हुई है, वहीं घातक वायरस ने 5,886 लोगों की जान ले ली है।
पूलपांडियान पहले भी करते रहे हैं मदद
पूलपांडियान ने इससे पहले उन्होंने टेबल, कुर्सियां खरीदने और पानी की सुविधा देने के लिए सरकारी स्कूलों को पैसे दान किए थे, बताते हैं कि ऐसा वो इसलिए करते हैं उनके दोनों बेटों ने उनकी देखभाल करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद से उन्होंने लोगों की मदद का बीड़ा उठा लिया।