पटना: बाढ़ प्रभावित बिहार में बूढ़ी गंडक नदी में संचालित एनडीआरएफ की एक बचाव नौका पर सवार एक महिला ने रविवार को इसी में एक बच्ची को जन्म दिया। पूर्वी चंपारण जिले के गोबारी गांव में 25 वर्षीय महिला को उसके घर से उस समय बचाया गया जब उसे तेज प्रसव पीड़ा हुई और बाद में अपराह्र लगभग एक बजकर 40 मिनट पर उसने बच्ची को जन्म दिया।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम के साथ आशा कार्यकर्ता भी थी जिन्होंने बच्ची के जन्म में मदद की। प्रवक्ता ने बताया कि एनडीआरएफ की नौंवी बटालियन के बचावकर्ता उस समय वहां पहुंचे जब उन्हें यह सूचना मिली कि बूढ़ी गंडक नदी के बाढ़ पानी से प्रभावित गांव की एक गर्भवती महिला फंसी हुई है।
मां और बच्ची दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है, एनडीआरएफ की टीम ने महिला और उसकी बच्ची को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा दिया है, जहां मां-बच्ची दोनों डॉक्टरों की देखरेख में हैं। बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए बिहार के 12 जिलों में एनडीआरएफ की कुल 21 टीमों को तैनात किया गया है।
बताया जा रहा है कि पूर्वी चंपारण जिले में 25 साल की गर्भवती महिला रीमा देवी बूढ़ी गंडक नदी बाढ़ प्रभावित गांव गोबरी, प्रखंड बंजारिया में प्रसव पीड़ा से परेशान थी,उनके परिवार के लोग परेशान थे कि कैसे जल्द से जल्द नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया उन्हें पहुंचाया जाये, इसकी सूचना उस गांव के नजदीक ऑपेरशन में जुटे एनडीआरएफ को दी गई, प्रेग्नेंट महिला को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया और अपनी बोट पर बिठा लिया। एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू बोट पर बिठाकर प्रेग्नेंट महिला को सुरक्षित स्थान पर ले जा रही थी, इसी दौरान महिला के प्रसव पीड़ा तेज हो गई।
बोट पर सवार महिला के परिवार की अन्य महिलाओं की मदद से प्रसूता की बोट पर ही सुरक्षित डिलेवरी कराई गई, महिला ने एनडीआरएफ की रेस्क्यू बोट पर एक बच्ची को जन्म दिया है। बताते हैं कि एनडीआरएफ के बचावकर्मी आपदा रेस्पांस के अन्य तकनीकों के साथ-साथ प्रथम चिकित्सा उपचार में प्रशिक्षित होते हैं, उन्हें सुरक्षित प्रसव कराने के बारे में भी ट्रेंड किया जाता है ताकि जरुरत पड़ने पर वो इस काम को भी अंजाम दे सकें।