फैक्ट्री में खाने की प्लेट की जगह केले के पत्ते, किसानों के लिए आनंद महिंद्रा अपनाया ये आईडिया

सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता को लेकर चर्चित बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा लगातार सुर्खियों में रहते हैं। इस बार एक दिलचस्प पहल से केला किसानों की मदद करने के लिए वह चर्चा में आ गए हैं।

Anand Mahindra helps banana farmers
आनंद महिंद्रा ने की केला किसानों की मदद 
मुख्य बातें
  • केला किसान लॉकडाउन की वजह से नहीं बेच पा रहे अपनी उपज
  • रिटायर पत्रकार के आईडिया पर आनंद महिंद्रा ने की पहल
  • फैक्ट्री वर्कर्स के लिए प्लेटों की जगह केले के पत्तों में परोसा जा रहा भोजन

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब छोटे व्यवसाय कोरोनो वायरस लॉकडाउन के कारण संघर्ष कर रहे हैं और कई जगह समाप्त होने की कगार पर तक आ गए, तब बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा के एक कदम ने केला किसानों के जीवन में उम्मीद की किरण जगा दी है। उन्होंने अपने कारखानों की कैंटीन में खाना परोसने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लेटों की जगह केले के पत्तों पर खाना परोसने की पहल कर दी है।

महिंद्रा ने कहा कि एक सेवानिवृत्त पत्रकार ने उन्हें इस बारे में सुझाव दिया कि 'अगर हमारी कैंटीन केले के पत्तों को प्लेट के रूप में इस्तेमाल करती है, तो इससे केले के उन किसानों को संघर्ष करने में मदद मिलेगी, जिन्हें अपनी उपज बेचने में परेशानी हो रही थी।' उद्योगपति ने अपनी फैक्ट्री टीमों को तुरंत काम पर लगा दिया और जल्द ही वर्कर्स को केले के पत्तों पर भोजन परोसा जाना शुरु हो गया।

आगे मशहूर बिजनेसमैन ने केले के पत्तों पर खाना खाते हुए कर्मचारियों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, 'हमारी सक्रिय फैक्ट्री टीमों ने तुरंत विचार पर काम किया ... धन्यवाद!'

छोटे व्यवसायों को मदद करने के लिए महिंद्रा की पहल ने सोशल मीडिया यूजर्स का दिल जीत लिया है। उनके ट्वीट को 67,000 से ज्यादा लाइक्स मिले हैं। आइए आपको बताते हैं कि सोशल मीडिया पर लोगों ने कैसे रिएक्शन दिए।

एक यूजर ने कहा, 'एक अच्छे विचार के साथ लिया गया एक्शन इसे सार्थक बनाता है। इन भयानक दिनों के दौरान आपकी कंपनी जो कर रही है उससे आप लोग राष्ट्र का दिल जीत रहे हैं।'

एक अन्य यूजर ने लिखा, 'मैंने बहुत से परोपकारी व्यवसायियों को नहीं देखा है। हमारे राष्ट्र में आप जैसे लोगों की मौजूदगी बहुत अच्छी बात है।' एक तीसरे उपयोगकर्ता ने कहा, 'वाह !!! यह वास्तव में अच्छा है। सभी को छोटे व्यवसायों को जीवित रखने के लिए इस तरह के अभिनव विचारों के बारे में सोचना चाहिए।'

गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इनकी रफ्तार भी बढ़ती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में लॉकडाउन बहुत जरूरी है और इसकी वजह से अपनी रोजी रोटी कमाने वाले छोटे व्यापारी और मजदूरों को परेशानी हो रही है।

अगली खबर