यहां विधवा के लिबास में ससुराल जाती है दुल्हन! जानिए भारत के इस गांव में क्यों होता है ऐसा

Weird Tradition In India: किसी भी धर्म-समुदाय के लोगों के लिए शादी किसी महोत्सव से कम नहीं होता है। जबकि इस समुदाय के लोग शादी के दौरान बेहद अजीबोगरीब रिवाज निभाते हैं। खुद माता-पिता अपनी बेटी की शादी के बाद दुल्हन का लाल जोड़ा उतरवा देते हैं और सफेद कपड़े पहनाकर अपनी बेटी की विदाई करते हैं। एक तरह से माता-पिता अपनी बेटी को विधवा के लिबास में विदा करते हैं।

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अजीबोगरीब रिवाज  |  तस्वीर साभार: Google Play

Weird Tradition In India: भारत में शादियों के समय कई तरह की परंपराएं और रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। अलग-अलग समुदायों की अलग-अलग परंपराएं होती हैं। आज हम आपको एक ऐसे समुदाय की परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपको काफी हैरानी होगी। भारत में एक ऐसा समुदाय निवास करता है, जो शादी के बाद दुल्हनों की विदाई विधवा के लिबास में करता है। क्या हुआ चौंक गए न आप! दरअसल, इस समुदाय के लोग अपनी बहन-बेटियों की विदाई सफेद कपड़ों में करते हैं।

सफेद लिबास में होती है दुल्हन की विदाई

हम सभी जानते हैं कि किसी भी धर्म-समुदाय के लोगों के लिए शादी किसी महोत्सव से कम नहीं होता है। जबकि इस समुदाय के लोग शादी के दौरान बेहद अजीबोगरीब रिवाज निभाते हैं। खुद माता-पिता अपनी बेटी की शादी के बाद दुल्हन का लाल जोड़ा उतरवा देते हैं और सफेद कपड़े पहनाकर अपनी बेटी की विदाई करते हैं। एक तरह से माता-पिता अपनी बेटी को विधवा के लिबास में विदा करते हैं। यह मध्य प्रदेश के मंडला जिले में होता है।

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मंडला जिले के भीमडोंगरी गांव में गौंडी नामक आदिवासी समाज के लोग रहते हैं। यह लोग अपने बेटियों की शादी तो काफी धूमधाम से करते हैं। बेटियों की शादी में इस समुदाय के लोग वैसे ही उत्सव मनाते हैं, जैसा किसी आम भारतीय शादी में होता है। हालांकि शादी के बाद जब दुल्हन की विदाई की बारी आती है तो यहां के लोग अजीबोगरीब रस्म निभाते हैं। सबसे पहले मां-बाप बेटी का लाल जोड़ा निकलवा देते हैं। इसके बाद उसे सफेद लिबास पहनाते हैं और दुल्हन को विधवा की तरह सफेद कपड़े में विदा करते हैं। 

दूल्हे के घर पर होते हैं दुल्हन के फेरे

सिर्फ यही नहीं दुल्हन की विदाई के समय गांव का हर शख्स सफेद कपड़े पहनता है। इस अजीबोगरीब प्रथा के पीछे एक खास कारण होता है। इस समुदाय के लोग गौंडी धर्म का पालन करते हैं। सफेद रंग इस धर्म के लोगों के लिए शांति का प्रतीक होता है। इसके अलावा इस समुदाय के लोग सफेद रंग को पवित्र मानते हैं। इस वजह से शादियों में ये लोग सफेद लिबास पहनना शुभ मानते हैं। आपको जानकर खुशी होगी कि इस समुदाय के लोगों में शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है। शादी के समय इस समुदाय के लोगों का पहनावा देखकर आपको लगेगा कि यहां जश्न नहीं बल्कि मातम मनाया जा रहा है। इस समुदाय की शादियों में दुल्हन अपने घर की बजाय दूल्हे के घर पर फेरे लेती है।

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