नई दिल्ली : ब्रिटेन के एक प्रोफेसर द्वारा इडली को 'बोरिंग' बताए जाने पर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई। कुछ लोगों के कहना है कि प्रोफेसर की बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है, तो अन्य लोगों का कहना है कि यह संस्कृति और सभ्यता का मामला है। दरअसल, ट्विटर पर पूछा गया था कि ऐसा कौन सा व्यंजन है जिसके बारे में आपको समझ नहीं आता कि लोग उसे इतना पसंद क्यों करते हैं। इसपर ब्रिटिश प्रोफेसर एवं भारत-ब्रिटेन अध्ययन के विशेषज्ञ एडवर्ड एंडरसन ने इडली को सबसे 'बोरिंग' आहार बताया।
एंडरसन के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रोफेसर को 'पूरी तरह बद-दिमाग' व्यक्ति करार दिया। इससे पहले थरूर के बेटे ईशान थरूर ने प्रोफेसर के बयान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ट्वीट किया, 'मुझे लगता है कि मैंने ट्विटर पर इस बारे में सबसे अपमानजनक विचार देखा है।'
बेटे के ट्वीट के बाद शशि थरूर भी इस जंग में कूद पड़े। उन्होंने ईशान के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, 'हां, मेरे बेटे, इस दुनिया में कुछ ऐसे लोग हैं, जो वास्तव में बद-दिमाग होते हैं। सभ्यता हासिल करना कठिन है। क्रिकेट या ओट्टंथुल्लल का आनंद लो। इस बेचारे पर दया करो।'
खानपान के मामलों के जानकार पुष्पेश पंत ने एंडरसन की टिप्पणी पर थरूर की प्रतिक्रिया को वाजिब करार देते हुए कहा कि इडली 'शानदार और संतुलित आहार' है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह एक ऐसा आहार है जिसे कई दिन तक अन्य व्यंजनों के साथ खाया जा सकता है। पंत ने कहा, 'मुझे लगता है कि इटली एक शानदार और संतुलित आहार है। इसमें दाल और चावल होते हैं तथा इसमें सब्जियों के इस्तेमाल से प्रोटीन की मात्रा भी काफी अधिक होती है।'
वहीं, आहार समीक्षक राहुल वर्मा ने कहा, 'इडली का खुद का कोई स्वाद नहीं होता, इसका स्वाद इसके साथ खाए जाने वाली चीज पर निर्भर करता है। इसे चटनी, सांबर, चिकन, मटन या पोर्क के साथ मिलाकर खाया जाता है, जिससे अलग-अलग स्वाद निकलकर आते हैं।' इन सबके अलावा ट्विटर पर आम यूजर भी इडली को लेकर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं।