दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और किसी भी चीज के लिए जुनून आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। यहां तक कि उस व्यक्ति को भी जिसे जीवन में बहुत सारे अवसर नहीं मिले हों। राजू जांगिड़ नाम के एक बढ़ई ने इस बात को काफी हद तक सही साबित किया।
जोधपुर जिले के एक छोटे से गांव ठाडिया से आने वाले राजू को अपनी मातृभाषा हिन्दी के प्रति काफी प्रेम है। उनके इस प्रेम ने उन्हें विकिपीडिया संपादक बना दिया। उन्होंने वेबसाइट के लिए 1800 लेख लिखे हैं और विकीपीडिया में लगभग 57,000 पेज को संपादित किया है। उन्होंने यह सब अपने पुराने मोबाइल फोन से किया है।
12वीं में छोड़ दिया था स्कूल
उन्होंने न्यूज एजेंसी IANS को बताया, 'विकिपीडिया पर इन लेखों को लिखने का एकमात्र कारण यह था कि मुझे अपने गांव के बारे में हिन्दी में कुछ भी जानकारी नहीं मिल रही थी।' जांगिड़ ने कक्षा 12 में स्कूल छोड़ दिया था। 2015 में उन्होंने बीए की परीक्षा देते हुए विकिपीडिया के लिए लिखना शुरू किया। जांगिड़ ने महसूस किया कि संपादक और कंटेंट क्यूरेटर बनने के पीछे का उद्देश्य हिन्दी भाषी लोगों के लिए उस चीज को आसान बनाना है जिसके लिए वो वेबसाइट में देख रहे हैं। अब तक विकिपीडिया की वेबसाइट पर लगभग 1.4 लाख हिन्दी पेज हैं और उनका लक्ष्य इसे और भी अधिक बढ़ाना है।
बेसिक फोन पर करते थे टाइप
22 साल के राजू ने कहा, 'मुझे आश्चर्य हुआ कि ऐसे समय में जब भारत में हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, तो इस भाषा में भी विकिपीडिया पर अधिक जानकारी होनी चाहिए थी। इसलिए 10-12 घंटों तक बढ़ई का काम करने के अलावा मैंने विकिपीडिया के पेजों पर लिखना और संपादित करना शुरू किया। मेरे बेसिक फोन सैमसंग s5610 पर टाइप करना मुश्किल था, लेकिन मैं चाहता था कि मेरे गांव की जानकारी लोगों के साथ शेयर की जाए। इसलिए मैंने अपनी तहसील पर जानकारी एकत्र की।'
क्रिकेट और हेल्थ पर लिख रहे लेख
वेबसाइट ने उनकी मेहनत को पहचाना और उन्हें एक लैपटॉप और साथ ही मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन भी दिया। वर्तमान में वह 'विकी स्वस्थ' पर काम कर रहे हैं, जो एक प्रोजेक्ट है जिसमें स्वास्थ्य संबंधी लेख डाले जा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने एक और प्रोजेक्ट शुरूकिया है जहां उन्होंने अपने पसंदीदा खेल, क्रिकेट के बारे में लेख डाले हैं। राजू ने कहा कि मैंने हिन्दी में विकीक्रिकेट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है और उसी पर 700 से अधिक लेख लिखे हैं। क्रिकेट पर हिन्दी में बहुत कम लेख हैं और इसलिए यह प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है।