मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आंख मारने तथा फ्लाइंग किस करने को यौन उत्पीड़न माना है और 20 साल के एक युवक को इस मामले में एक साल की सजा सुनाई है। अदालत ने ये सजा प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) कानून के तहत यह सजा सुनाई है। आरोपी को नाबालिग 14 साल की लड़की को आंख मारने और फ्लाइंग किस करने का दोषी पाया गया।
पिछले साल का है मामला
खबर के मुताबिक पिछले साल फरवरी के अंत में 14 साल की एक लड़की ने अपनी मां को बताया कि एक युवक ने उसे परेशान किया और आंख मारने के अलावा कई बार फ्लाइंग किस किया। इसके बाद लड़की के परिजनों ने मुंबई के एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद बाद पुलिस ने तुरंत मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपी को अऱेस्ट कर जेल भेज दिया। तब से आरोपी जेल की सलाखों के पीछे बंद था।
अदालत की दहलीज पर पहुंचा मामला
इसके बाद मामला अदालत की चौखट तक पहुंचा जहां आरोपी की तरफ से उसके वकील ने बचाव में कई तर्क दिए। आरोपी ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि उसे जबरन इस मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि वो दूसरे समुदाय का है और लड़की की मां इसलिए लड़की को बात करने नहीं दे रही थी। आरोपी ने कहा कि उस पर झूठा मुकदमा किया गया जो लड़की के परिवार और रिश्तेदारो के कहने पर दर्ज किया गया है।
लड़की की तरफ से रखा गया ये बयान
ट्रायल के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से जिरह हुई और गवाह पेश किए गए। अन्त में कोर्ट ने माना कि जो सबूत और गवाह पेश किए हैं वो अपराध को साबित करने के लिए काफी है। कोर्ट ने कहा कि जो साक्ष्य रिकॉर्ड पर हैं उन्हें देखा जाए तो आरोपी की तरफ आंख मारना और फ्लाइंग किस सेक्सुएल इशारा है इसलिए पीड़िता का यौन उत्पीड़न हुआ है। इसके बाद आरोपी को एक साल की सजा देने का आदेश किया। अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माने की राशि, पीड़ित को मुआवजे के रूप में 10,000 रुपये दिए जाएं।