भुवनेश्वर : ओडिशा में वन विभाग के अधिकारियों ने और स्नेक हेल्पलाइन ने एक अजगर के अंडों से निकले सांप के 27 बच्चों को जंगल में छोड़ा है। ये अंडे एक मादा अजगर ने 30 जून को दिए थे। उसे 5 मई को भुवनेश्वर के बाहरी इलाके चंदका वन्यजीव अभयारण्य के गढ़नियाल गांव में चट्टानों के नीचे से बचाया गया था। इसके बाद से वन विभाग व स्नेक हेल्पलाइन की नजर उस पर थी।
इस मादा अजगर ने 30 अंडे दिए थे, जिनमें से तीन को चींटियों ने नष्ट कर दिया। बारिश से बचाने के लिए अजगर के अंडों को एक कृत्रिम हैचरी में संरक्षित रखा गया था। जिस मादा अजगर ने ये अंडे दिए थे, उसे ग्रामीणों ने चट्टानों के बीच फंसा पाया था और देखा था कि वह बाहर निकलने के लिए कितनी मशक्कत कर रही है। इसके बाद उन्होंने वन विभाग और स्नेक हेल्पलाइन को इस बारे में जानकारी दी।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, वे इलाके की घेराबंदी करके गर्भवती मादा अजगर की रखवाली कर रहे थे। 22 मई को सभी अंडों को छोड़कर यह जंगल में चली गई थी, जिसके बाद इन अंडों को कृत्रिम हैचर में रखा गया था। अंडों से जब सांप के बच्चे निकले तो उन्हें खाने के लिए कीट वगैरह दिए गए। वन विभाग के अधिकारियों केट काटकर उनकी पैदाइश का जश्न भी मनाया।
अधिकारियों का कहना है कि जंगली कुत्तों, जंगली सूअर, सियार वगैरह की वजह से पहले ही अजगरों के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सांपों को न मारने तथा उनके अंडों को नष्ट न करने का आग्रह करते हुए जागरूकता अभियान चलाया है। उनका कहना है कि सांप, चूहों को मारते हैं और इस तरह से ये किसानों के मददगार भी होते हैं।