पटना: क्या आपने कभी सुना या देखा है कि मुर्दा बैंक में पैसे निकालने पहुंच गया हो, आपका जवाब शायद ना ही होगा। लेकिन हम आपको एक ऐसी ही सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिहार के पटना में एक ऐसा वाकया सामने आया है जिसके बारे में सुनकर हर कोई हैरान है। यहां एक 'मुर्दा' खुद के अंतिम संस्कार के लिए पैसा निकालने बैंक पहुंच गया। जैसे ही यह मुर्दा बैंक पहुंचा तो वहां मौजूद कर्मचारियों के होश उड़ गए और बैंक में अफरातफरी मच गई। किसी तरह हालात को काबू में पाया गया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला पटना सिटी से सटे शाहजहांपुर के सिगरियावां गांव का है जहां रहने वाले 55 साल के महेश यादव की मंगलवार को बीमारी के चलते अचानक मौत हो गई। इसके बाद महेश के घर पर ग्रामीण एकत्र हुए तो अंतिम संस्कार के लिए पैसे की व्यवस्था कैसे की जाय, ये सवाल खड़ा हो गया। इसके बाद तय हुआ है कि महेश के बैंक खाते में पड़े पैसों से उसका अंतिम संस्कार किया जाए। इसके बाद जब ग्रामीण बैंक पहुंचे तो स्टाफ ने महेश के बैंक मैनेजर ने खाते से पैसे देने से इंकार कर दिया।
लाश लेकर बैंक पहुंच गए गांव वाले
इसके बाद ग्रामीण गुस्सा हो गए। सबने मिलकर यह तय किया कि महेश की लाश को बैंक ले जाया जाय। इसके बाद सभी ग्रामीणों ने मिलकर महेश यादव की लाश को बैंक में ले जाकर रख दिया। जैसे ही महेश यादव की लाश बैंक परिसर में पहुंची तो वहां मौजूद कर्मचारी हक्का-बक्का रह गए। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि ये माजरा क्या है। इसके बाद करीब तीन घंटे तक महेश यादव की लाश बैंक के परिसर में पड़ी रही लेकिन ग्रामीण बिना पैसे लिए वहां से जाने को तैयार नहीं हुए और मुर्दे के साथ वहीं बैठ गए।