OMG: भारत में 2.7 लाख रुपये किलो मिलता है यह आम, सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं गार्ड और कुत्ते

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आदित्य साहू
Updated Jun 24, 2022 | 15:04 IST

Most Expensive Mango Breed: इस आम की कीमत इतनी ज्यादा होने की वजह से अपने आपको राजा-महाराजा समझने वाले लोगों की भी इसे खरीदने की हिम्मत नहीं होती है। 'टाइयो नो टमैंगो' नाम के इस आम की कीमत जानकर लोगों के होश उड़ जाते हैं। बता दें कि इसकी खेती सबसे पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर में शुरू हुई थी। इसके अलावा जापान में भी इस आम की खेती होती है।

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दुनिया का सबसे महंगा आम  |  तस्वीर साभार: Google Play
मुख्य बातें
  • दुनिया का सबसे महंगा आम
  • 2.7 लाख रुपये किलो में बिकता है आम
  • मध्य प्रदेश के जबलपुर में होती है पैदावार

Most Expensive Mango Breed: गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा कोई फल खाया जाता है तो वह आम है। भारत में तरह-तरह की किस्म के आम पाए जाते हैं। इन दिनों भारत में पैदा होने वाला एक आम काफी ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में पैदा होने वाले इस आम की कीमत 2.7 लाख रुपये से ज्यादा है। इतना महंगा होने की वजह से बगीचे के मालिक ने आम की रखवाली के लिए सिक्योरिटी गार्ड और कुत्ते रख रखे हैं।

इस आम की कीमत इतनी ज्यादा होने की वजह से अपने आपको राजा-महाराजा समझने वाले लोगों की भी इसे खरीदने की हिम्मत नहीं होती है। 'टाइयो नो टमैंगो' नाम के इस आम की कीमत जानकर लोगों के होश उड़ जाते हैं। बता दें कि इसकी खेती सबसे पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर में शुरू हुई थी। इसके अलावा जापान में भी इस आम की खेती होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके बगीचे हाई अलर्ट जोन होते हैं। जबलपुर के रहने वाले संकल्प परिहार इन आमों को पैदा करते हैं।

जापान में पाई जाती है यह दुर्लभ प्रजाति

संकल्प ने इन आमों की सुरक्षा के लिए अपने बगीचे में 3 गार्ड और 9 कुत्तों को रखवाली पर रखा है। इस आम को 'एग ऑफ सन' यानी सूरज का अंडा भी कहते हैं। दरअसल, यह आम जापान में पाई जाने वाली एक दुर्लभ प्रजाति मियाजाकी है। पिछले कुछ सालों में यह आम दुनियाभर में चर्चा में रहा है। कई बार यह अपने कीमत की वजह से तो कई बार बगीचे में लगाई जाने वाली टाइट सिक्योरिटी की वजह से यह आम चर्चा में रहता है। इसके कुछ आम चोरी भी हो गए थे, इसलिए बगीचे के मालिक ने इनकी सुरक्षा और बढ़ा दी थी।

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एक्सपर्ट के अनुसार, जब यह आम पूरी तरह से पक जाते हैं तो इसका वजन 900 ग्राम के आस-पास हो जाता है। इसके बाद इस आम का रंग हल्का लाल और पीला हो जाता है। मियाजाकी आम में बिल्कुल भी रेशे नहीं होते हैं। बताया जाता है कि एक बार संकल्प परिहार अपने बगीचे के लिए पौधे खरीदने चेन्नई जा रहे थे। उनको ट्रेन में एक शख्स मिला था, जिसने कुछ आम के पौधे बेचने की पेशकश की। उस व्यक्ति ने संकल्प से कहा था कि इनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करिएगा।

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