Aadhaar Voter List Link: आधार कार्ड को वोटर लिस्ट से जोड़ने पर जल्द जारी हो सकते हैं नियम, इसके बारे में जानें

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भाषा
Updated May 14, 2022 | 23:48 IST

Linking Aadhaar with Voter List:मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि बतौर सीईसी उनके कार्यकाल में जो दो प्रमुख चुनावी सुधार हुए, उनमें 18 साल की आयु वाले मतदाताओं को पंजीकरण कराने के लिए एक के बजाय साल में चार तारीख उपलब्ध कराने का प्रावधान और मतदाता सूची में नकली प्रविष्टियों पर लगाम लगाने के लिए आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ना शामिल है।

linking Aadhaar with voter list
सरकार आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द ही जारी कर सकती है 

नयी दिल्ली: मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि सरकार आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द ही जारी कर सकती है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा लेकिन ऐसा न करने वाले लोगों को 'पर्याप्त वजहें' बतानी होगी।

चंद्रा ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने उन पांच राज्यों में टीकाकरण अभियान में तेजी लाने में अहम भूमिका निभायी, जहां इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया ताकि मतदाता और चुनाव ड्यूटी में शामिल लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित रंहे। चंद्रा शनिवार की शाम को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

चंद्रा ने कहा, 'पहले हर साल एक जनवरी कट-ऑफ तारीख होती थी। हमने सरकार को आश्वस्त किया कि यह सुधार बहुत आवश्यक है और इन लोगों का जल्द से जल्द पंजीकरण होना चाहिए क्योंकि वे 18 साल के हो गए हैं। इस सुधार के साथ अब उन लोगों को पंजीकरण के लिए एक साल में चार तिथियां मिलेगी जिनकी उम्र 18 साल हो गई है। यह सुधार पिछले 20 वर्षों से लंबित था।'

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अभी तक एक जनवरी को या उससे पहले 18 साल के होने वाले लोग मतदाता के तौर पर पंजीकरण करा सकते थे। इससे, दो जनवरी को या उसके बाद 18 साल के होने वाले लोगों को मतदाता के तौर पर पंजीकरण कराने के लिए एक साल इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब एक बार नियम जारी हो जाने के बाद युवा लोग हर साल चार अलग-अलग तारीखों पर मतदाताओं के तौर पर पंजीकरण करा सकते हैं।

उन्होंने कहा, 'दूसरा सबसे बड़ा सुधार आधार को मतदाता सूची से जोड़ना है ताकि नकली प्रविष्टियों पर रोक लगायी जा सके। इससे मतदाता सूची साफ-सुथरी हो जाएगी तथा और अधिक मजबूत बनेगी।' यह पूछने पर कि सरकार कब नियमों को अधिसूचित करेगी, चंद्रा ने कहा, 'मुझे लगता है कि बहुत जल्द.... क्योंकि हमने इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव का मसौदा भेज दिया है। हमने फॉर्म भी भेज दिए हैं जिनमें बदलाव होने हैं और ये विधि मंत्रालय के पास हैं। मुझे लगता है कि बहुत जल्द इन्हें मंजूरी मिल जाएगी। हमने भी अपनी आईटी प्रणाली मजबूत की है।'

क्या आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा?

यह पूछने पर कि क्या आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा, उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी। इस वजह में, आधार न होना या उसके लिए आवेदन न करना या कोई अन्य वजह हो सकती है।'

चंद्रा का मानना है कि आधार नंबर साझा करने से मतदाता सूची को त्रुटि-रहित बनाने में मदद मिलेगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि चुनाव आयोग अपनी संचार प्रणाली के जरिए मतदाताओं को अधिक सेवाएं मुहैया कराए। बतौर सीईसी सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सबसे 'मुश्किल' चुनौती कोविड-19 के दौरान पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने और विभिन्न उपचुनाव कराने की थी।

उन्होंने कहा, 'क्योंकि जब चुनावों का समय नजदीक आ रहा था तो हमने उस वक्त कभी नहीं सोचा था कि कोविड के मामले बढ़ने लगेंगे। अचानक हमें कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन का पता चला। हमें तैयारी करनी पड़ी क्योंकि कोई भी इस स्वरूप के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। इसलिए अचानक हमें मतदान प्रक्रिया और चुनावी तंत्र को सुरक्षित बनाने की तैयारी करनी पड़ी।'

निर्वाचन आयोग ने टीकाकारण की प्रक्रिया तेज कर दी

इस दौरान निर्वाचन आयोग ने टीकाकारण की प्रक्रिया तेज कर दी और सुरक्षा बलों समेत अपने चुनावी कर्मियों को बूस्टर खुराक दी।यह पूछने पर कि क्या पांच राज्यों में टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए निर्वाचन आयोग जिम्मेदार है, चंद्रा ने कहा, 'निश्चित तौर पर। जिन राज्यों में यह कम था... खासतौर से उत्तर प्रदेश, पंजाब और मणिपुर, वहां हमने हालात की समीक्षा की और मुख्य सचिवों तथा स्वास्थ्य सचिवों को टीकाकरण अभियान तेज करने के लिए कहा।'

उन्होंने कहा, 'प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक खुराक दी जानी चाहिए थी। अगर पहली खुराक ले ली है तो दूसरी खुराक देनी थी। उत्तर प्रदेश में 100 प्रतिशत लोगों ने पहली खुराक ले ली। पंजाब और मणिपुर में भी टीकाकरण की दर बढ़ायी गयी। हमने इन राज्यों में चुनावों के दौरान ओमीक्रोन के प्रसार को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाया ताकि मतदाता और मतदान प्रक्रिया सुरक्षित रहे।'

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