इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इमरान सरकार और प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। फ्रांस के एंबेसडर को देश से निकालने समेत 4 मांगों को लेकर तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने इस्लामाबाद तक मार्च शुरू कर दिया है। बुधवार को इस टकराव के बीच हुई हिंसक झड़प में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई जिसमें चार पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने इस्मालाबाद तक मार्च शुरू कर दिया है और इस दौरान पुलिस वाहनों पर पत्थरबाजी भी की गई।
साथ ही कई जगहों पर आगजनी की खबरें भी आई है।इस हिंसक झड़प में 4 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। वहीं 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।इस बीच दवाब में आकर इमरान सरकार ने 3 मांगें तो मान ली हैं लेकिन वो फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने के लिए तैयार नहीं है जबकि TLP की मुख्य मांग यही है कि फ्रांस में पैगम्बर साहब का अपमान हुआ था इसलिए पाकिस्तान से फ्रेंच एम्बेसडर को फौरन निकाला जाए।
हालांकि मार्च को रोकने के लिए सरकार ने रास्तों को सील कर दिया है। कई जगह सड़क के किनारे बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए गए हैं ताकि TLP की गाड़ियां वहां से नहीं निकल सकें। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा कि ताजा झड़पों को ध्यान में रखते हुए पंजाब में कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के वास्ते दो महीने के लिए रेंजर्स को बुलाया गया है।
पंजाब के पुलिस निरीक्षक राव सरदार अली खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शन के दौरान प्रतिबंधित संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा सुरक्षा बलों पर की गई गोलीबारी में हमारे चार पुलिसकर्मी मारे गए जबकि 263 अन्य लोग घायल हुए हैं। टीएलपी ने सरकार को चेतावनी दी कि टीलएपी के हजारों कार्यकर्ता अपनी जान दे देंगे लेकिन अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।