नई दिल्ली: बेल्जियम में एक 90 साल की महिला संक्रमण से मरने से पहले एक ही समय में कोरोना वायरस के अल्फा और बीटा दोनों रूपों से संक्रमित थी। शोधकर्ताओं ने ये जानकारी दी। कोविड-19 पॉजिटिव आने के बाद महिला को 3 मार्च को आल्स्ट शहर के ओएलवी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे टीका नहीं लगाया गया था।
शुरुआत में उसका ऑक्सीजन का स्तर अच्छा दिखा, लेकिन बाद में उसकी हालत बिगड़ती गई और पांच दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टरों ने पाया कि वह अल्फा स्ट्रेन और बीटा वेरिएंट दोनों से संक्रमित थी। अल्फा की उत्पत्ति ब्रिटेन में हुई थी जबकि बीटा वेरिएंट का पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पता चला था।
रिसर्च का नेतृत्व करने वाले ओएलवी अस्पताल की आणविक जीवविज्ञानी ऐनी वेंकेरबर्गेन ने न्यूज एजेंसी एएफपी के हवाले से कहा, 'ये दोनों वेरिएंट उस समय बेल्जियम में थे, इसलिए यह संभावना है कि महिला दो अलग-अलग लोगों के अलग-अलग वायरस से सह-संक्रमित थी। दुर्भाग्य से, हम नहीं जानते कि वह कैसे संक्रमित हुईं।'
वेंकेरबर्गेन ने कहा कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि सह-संक्रमण ने रोगी की तेजी से गिरावट में भूमिका निभाई या नहीं। जनवरी में ब्राजील के वैज्ञानिकों ने बताया कि दो लोग एक साथ वायरस के दो अलग-अलग स्ट्रेन्स से संक्रमित हुए थे। वारविक विश्वविद्यालय में एक वायरोलॉजिस्ट और आणविक ऑन्कोलॉजी के प्रोफेसर लॉरेंस यंग ने कहा कि एक से अधिक स्ट्रेन से संक्रमित व्यक्ति को ढूंढना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।