9/11 Attack : करीब 3000 लोगों की आखिरी सुबह, जानिए अलकायदा के हमले की इनसाइड स्टोरी

दुनिया
आलोक राव
Updated Sep 11, 2021 | 06:06 IST

Al Qaeda attack on America's Twin Tower: ट्विन टॉवर्स के धाराशायी होने पर वहां गर्द का ऐसा गुबार उठा जिसे साफ होने में कई दिन का वक्त लगा। अमेरिका की शान के प्रतीक ये दोनों टॉवर दुनिया के सामने जमींदोज हो गए।

World trade center's twin tower attacked in America.
अमेरिका की धरती पर 9/11 को हुआ सबसे भीषण आतंकवादी हमला। -फाइल फोटो  |  तस्वीर साभार: AP

9/11 की घटना ने आतंकवाद के बारे में दुनिया की नजरिया बदल दिया। आतंकवाद का रूप इतना विकराल भी हो सकता है लोगों को पहली बार पता चला। इसके पहले भारत सहित अन्य जगहों की आतंकी घटनाओं पर दुनिया अलग तरह से सोचती थी, यह उसे संबंधित देशों के क्षेत्रीय समस्या के रूप में ही देखती और प्रतिक्रिया देती थी लेकिन इस घटना ने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को झकझोर कर रख दिया। सुपरपावर अमेरिका के सीने पर अलकायदा ने ऐसा जख्म दिया जो समय के बहाव से शायद भर जाए लेकिन इसकी कसक आने वाली कई पीढ़ियों को सालती रहेगी। 

9/11 को क्या हुआ?

अमेरिका में यह मंगलवार का दिन था। न्यूयॉर्क और वाशिंगटन दोनों शहरों में रोजाना की तरह सुबह हुई थी। मौसम साफ था और धूप खिली हुई थी। बच्चों स्कूल जा चुके थे। दफ्तरों में काम करने वाले अपने कार्यालय पहुंच चुके थे या रास्ते में थे। न्यूयॉर्क की सबसे ऊंची इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में भी चहलकदमी शुरू हो गई थी लेकिन यहां किसी को भी पता नहीं था अगले चंद घंटों में उनकी दुनिया हमेशा के लिए बदल जाएगी। उन्हें पता नहीं था कि वे सूरज की अंतिम किरणों को देख रहे हैं। यह अमेरिका की धरती पर सबसे बड़ा हमला था। इन हमलों में करीब 3000 लोग काल की गाल में समा गए।

विमानों का इस्तेमाल मिसाइल के रूप में

सुबह के करीब आठ बजकर 46 मिनट में अमेरिकन एयरलाइंस का एक विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर में जाकर टकरा गया। इस विमान में 76 यात्री सहित चालक दल के 11 सदस्य सवार थे। विमान में सवार सभी लोगों की तत्काल मौत हो गई। शुरुआती मिनटों में लोगों को लगा कि यह एक हादसा है। इसके करीब 17 मिनट बाद नौ बजकर तीन मिनट पर दूसरा विमान साउथ टावर से टकराया। विमान के साउथ टावर से टकराने के बाद लोगों के समझ में आ गया कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि आतंकवादी घटना है। अमेरिका पर अलकायदा का हमला हो चुका था और ओसामा बिन लादेन अमेरिकी विमानों को मिसाइल के रूप में इस्तेमाल कर रहा था।

आसमान एवं सड़कों पर छाया रहा गर्द का गुबार

ट्विन टॉवर्स के धाराशायी होने पर वहां गर्द, धुएं का ऐसा गुबार उठा जिसे साफ होने में कई दिन का वक्त लगा। अमेरिका की आन-बान-शान के प्रतीक ये दोनों टॉवर दुनिया के सामने जमींदोज हो गए। बताया जाता है कि इन हमलों में केवल न्यूयॉक शहर में कुल 2753 लोग मारे गए। 

तीसरा विमान पेंटागन की दीवार से टकराया   

अलकायदा की तरफ से हाईजैक हुआ तीसरा विमान वाशिंगटन के समीप अर्लिंग्टन में पेंटागन के पश्चिमी दीवार से टकराया। इस विमान में सवार सभी 64 लोग और इमारत में मौजूद 125 लोग मारे गए। इस हमले में इमारत का एक हिस्सा गिर गया और यहां लगी आग को बुझाने में कई दिनों का समय लगा। पेंटागन पर हुए हमले में 106 लोग घायल हुए, इनमें से कई लोग बुरी तरह झुलस गए थे।

चौथे अपहृत विमान के यात्रियों ने दिखाई दिलेरी

अलकायदा की ओर से अगवा चौथा विमान यूनाइटेड एयरलाइंट का फ्लाइट 93 था। बताया जाता है कि इस विमान के यात्रा अपहरणकर्ताओं पर भारी पड़ गए। यात्रियों ने सूझबूझ दिखाते हुए अपहरणकर्ताओं को उनके लक्ष्य की तरफ से बढ़ने से रोक दिया। 9/11 आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जांचकर्ताओं का मानना है कि आतंकवादियों ने जब फ्लाइट 93 पर जब कब्जा कर लिया तो इसके थोड़ी देर बाद कुछ यात्रियों को ट्विन टॉवर्स और पेंटागन पर हुए हमले की जानकारी मिल गई। यात्रियों को अहसास हो गया कि उनका विमान भी आतंकवादी हमले का हिस्सा बनने जा रहा है। 

खुले मैदान में क्रैश हुआ चौथा विमान

आतंकी हमले का खतरा भांप कुछ बहादुर यात्रियों ने विमान के कॉकपिट पर धावा बोल दिया। आगे क्या हुआ इसके बारे में तो कोई स्पष्ट जानकारी तो नहीं है लेकिन कॉकपिट की जो रिकॉर्डिंग सामने आई उससे यही पता चलता है कि यात्रियों और आतंकवादियों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था। इस हिंसक संघर्ष के कुछ मिनट बाद यह विमान सुबह 10 बजकर तीन मिनट पर पेनसिलवेनिया में शैंक्सविले के पास एक मैदान में क्रैश हो गया। इस विमान में सवार सभी 44 लोग मारे गए। जांचकर्ताओं का मानना है कि आतंकवादियों का निशाना या तो व्हाइट हाउस था या अमेरिकी संसद यूएस कैपिटल। 11 सितंबर 2001 को हुए इन आतंकवादी हमलों में कुल 2,977 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। 
 

  
   

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