नई दिल्ली : अफगानिस्तान संकट और मध्य एशिया के बदलते राजनीतिक समीकरणों ने देशों के लिए एक नई तरह की रणनीति एवं साझेदारी बनाने के लिए प्रेरित किया है। क्षेत्र में अपने हितों को सुरक्षित करने के लिए दुनिया के देश नया समूह बनाने की ओर भी देखने लगे हैं। दरअसल, सोमवार को अमेरिका, भारत, इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है। इससे कूटनीतिक गलियारे में इस बात की अटकलें लगने लगी हैं कि क्या क्वाड के तर्ज पर ये चार देश एक और समूह बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान हैं। खास बात यह है कि भारत, अमेरिका, इजरायल और यूएई के विदेश मंत्रियों की यह पहली बैठक है। बताया जाता है कि विदेश मंत्रियों की यह बैठक मध्य एशिया में अपना सहयोग एवं आर्थिक साझेदारी बढ़ाने के लिए हो रही है। यह वर्चुअल बैठक ऐसे समय हो रही है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने पांच दिनों के दौरे पर इजरायल में हैं। ईटी नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बैठक दोपहर बाद होने वाली है। पिछले साल इजरायल-यूएई के बीच राजनयिक संबंध कायम हो जाने के बाद भारत-इजरायल एवं यूएई ने त्रिपक्षीय आर्थिक परियोजनाओं की संभावना तलाश की है।
सामने आ रहे इस नए समूह से पहले अमेरिका, इजरायल और यूएई के विदेश मंत्री पिछले सप्ताह वाशिंगटन में मिले थे। इस मौके पर यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान ने कहा कि वह शीघ्र ही इजरायल की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि इजरायल और यूएई के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों से वह काफी प्रभावित हुए हैं।
अपने इजरायली एवं यूएई के समकक्षों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकेन ने कहा, 'हमारा दृढ़ रूप से मानना है कि फलस्तीन और इजरायल के लोग सुरक्षित एवं आजादी, समृद्धता एवं लोकतंत्र के समान अवसरों के साथ रहने के हकदार हैं और इसके लिए हम अपना प्रयास जारी रखेंगे।' तीनों मंत्रियों ने इरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चर्चा की।
विदेश मंत्री जयशंकर ने यहां भारतीय-यहूदी समुदाय तथा भारत संबंधित विषयों के विद्वानों से कहा कि भारत और इजरायल के समाजों को कट्टरपंथ और आतंकवाद जैसी एक समान चुनौतियों समेत भूराजनीतिक परिदृश्य पर उभरते कई घटनाक्रम का सामना करना पड़ रहा है। विदेश मंत्री के तौर पर इजराइल की अपनी पहली यात्रा पर यहां पहुंचे जयशंकर ने दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों में भारतीय यहूदी समुदाय के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि इजराइल में भारतीय यहूदी समुदाय आने वाले वर्षों में दोनों देशों को और करीब लाएगा।