काबुल : अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान की क्रूरता को लेकर बीते कुछ दिनों में कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं। अब ह्यूमन राइट्स वॉच की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां की सत्ता में काबिज होने के ढाई माह के भीतर तालिबान समूहों ने 100 अधिक पूर्व पुलिस व खुफिया अधिकारियों को या तो मार डाला या जबरन 'गायब' कर दिया है।
ह्यूमन राइट्स वॉच की मंगलवार को रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने हालांकि पूर्व पुलिस व खुफिया अधिकारियों को माफी दिए जाने की बात कही, लेकिन इनके खिलाफ 'बदले की कार्रवाई' वह अब भी जारी रखते हुए है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने उन पूर्व पुलिस व खुफिया अधिकारियों को निशाना बनाया, जिन्होंने आत्मसमर्पण किया था और सुरक्षा को लेकर तालिबान से उन्हें पत्र हासिल हुआ था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ मामलों में स्थानीय तालिबान कमांडरों ने निशाना बनाए जाने वाले लोगों सूची इस आधार पर तैयार की कि उन्होंने ऐसे 'अपराध' किए हैं, जिन्हें माफ नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट के अनुसार, इन हत्याओं के परिणामस्वरूप अफगानिस्तान के लोगों में तालिबान की सत्ता को लेकर भय पैदा हो गया है। तालिबान से पहले की सरकार से जुड़ा कोई व्यक्ति खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा।
अफगानिस्तान की सत्ता में 15 अगस्त, 2021 को काबिज हुए तालिबान के नेतृत्व ने बार-बार घोषणा की कि सशस्त्र बलों के सदस्यों सहित पूर्व सरकार के कर्मचारियों को डरने की आवश्यकता नहीं है। पूर्व सैन्य अधिकारियों को हथियार डालने और आत्मसमर्पण के लिए कहा गया, जिसके बाद उन्हें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की पुष्टि करने वाला एक दस्तावेज भी दिया गया। लेकिन रिपोर्ट के अनुसार तालिबान अपने वादे पर कायम नहीं है।
इसमें कहा गया है कि पूर्व सरकार के कर्मचारियों के लिए तालिबान नेतृत्व की आम माफी की घोषणा के बाद भी स्थानीय तालिबान लड़ाकों ने सेना, पुलिस और खुफिया सेवाओं के पूर्व अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं रोकी है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने गवाहों, रिश्तेदारों, पूर्व सरकारी अधिकारियों, तालिबान अधिकारियों और अन्य लोगों के साक्षात्कार के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कहा गया है कि 15 अगस्त से 31 अक्टूबर के बीच चार प्रांतों में सशस्त्र बलों के 47 पूर्व सदस्यों की हत्याओं या उनके 'गायब' होने की जानकारी है, जबकि 53 अन्य हत्याओं या लोगों के गायब होने के मामले भी हैं।