यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की इस समय नाटो देशों पर भड़के हुए हैं। नो फ्लाई जोन के मुद्दे पर नाटो देशों ने फैसला किया है कि वो यूक्रेन को इसके दायरे में नहीं लाएंगे। जेलेंस्की के भड़कने की यही वजह है। जेलेंस्की के मुताबिक नाटो देशों के फैसले से रूस को शह मिलेगी और उसके विमान यूक्रेनी शहरों और गांवों को निशाना बनाएंगे। जेलेंस्की का कहना है कि नाटो के इस फैसले से यूक्रेन में ज्यादातर लोग मारे जाएंगे और सभी मौतों की जिम्मेदारी नाटो मुल्कों की होगी। इन सबके बीच आइए जानते हैं कि क्या होता है नो फ्लाई जोन।
नो फ्लाई जोन
नो फ्लाई जोन बनाने का इतिहास
नाटो मुल्कों को यह है डर
अब सवाल यह है कि नाटो द्वारा यूक्रेन को नो फ्लाई जोन बनाने में परेशानी क्या है। दरअसल नाटो देशों को लगता है कि इस फैसले की वजह से पूरे यूरोप पर खतरा ज्यादा बढ़ जाएगा। नाटो के इस कदम को रूस खुद के खिलाफ लड़ाई मानेगा और वैसी सूरत में नाटो और उसमें लड़ाई हो सकती है। नो-फ्लाई जोन घोषित करने का मतलब यह भी है कि नाटो पायलट्स रूसी एयरक्राफ्ट्स को तहस नहस कर सकते हैं। जब नो फ्लाई जोन घोषित किया जाएगा तो उस समय नाटो को मिशन को कामयाब बनाने के लिए रीफ्यूलिंग टैंकर्स और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस एयरक्राफ्ट तैनात करने होंगे। अपने साजो सामान की सुरक्षा के लिए नाटो मुल्कों को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को नष्ट करना होगा और उसकी वजह से तनाव और बढ़ जाएगा।