Ukraine Crisis : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों के सामने बातचीत की पेशकर कर यूक्रेन संकट पर हल के लिए एक रास्ता सुझाया है। रूसी राष्ट्रपति के इस पहल के बीच अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए वह यूरोप के तीन देशों-रोमानिया, पोलैंड और जर्मनी में तीन हजार सैनिकों को तैनात किया जा रहा है। पेंटागन ने कहा है कि वह अपने 2000 सैनिकों को यूरोप में भेज रहा है। इसके अलावा जर्मनी में मौजूद 1000 सैनिकों को रोमानिया भेजा जाएगा। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वह यह कदम यूरोप के नाटो सदस्यों की 'सुरक्षा मजबूत' करने के लिए उठा रहा है। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्रालय का उसके पास इस बात के साक्ष्य नहीं हैं कि रूस आने वाले समय में यूक्रेन पर हमला करने जा रहा है।
अमेरिका के 8500 सैनिक पहले से अलर्ट पर
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि सैनिकों की यह तैनाती आने वाले दिनों में होगी। उन्होंने बताया कि यूक्रेन-रूस तनाव को देखते हुए पिछले सप्ताह 8500 सैनिकों को अलर्ट पर रखा गया है और 3000 सैनिकों की तैनाती उससे अलग है। प्रवक्ता ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि चूंकि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है इसलिए अमेरिका के इन 3000 सैनिकों की तैनाती उसके यहां नहीं होगी।
यूक्रेन संकट : अमेरिका से क्या चाहता है रूस? सुरक्षा परिषद में तीखी बहस के बाद और बढ़ा तनाव
यूक्रेन सीमा पर रूस के 1 लाख सैनिक
यूक्रेन की सीमा के पास रूस ने अपने एक लाख सैनिकों एवं बख्तरबंद वाहनों की तैनाती की है इससे यूरोपीय देशों एवं अमेरिका में इस बात की चिंता बढ़ गई है कि रूस आने वाले दिनों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर यूक्रेन पर हमले की आशंका को खारिज कर चुके हैं। रूस का कहना है यह तैनाती उसने अपनी सुरक्षा के लिए की है। रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो। मास्को यह भी चाहता है कि सोवियत रूस का कभी हिस्सा रहे देशों में पश्चिमी देशों का दखल कम हो। पुतिन कहते आए हैं कि इससे रूस की सुरक्षा को खतरा है लेकिन उनकी मांग पर अमेरिका और उसके सहयोगियों ने तवज्जो नहीं दी है।
मामला यूक्रेन का लेकिन अमेरिका-रूस आमने सामने, नेटो सेना ने की मोर्चाबंदी
रूस नहीं चाहता कि नाटो का सदस्य बने यूक्रेन
यूक्रेन संकट पर रूसी राष्ट्रपति ने ताजा बयान दिया है। पुतिन का कहना है कि रूस की सुरक्षा चिंताओं पर अमेरिका एवं नाटो ने अभी तक जवाब नहीं दिया है और उनकी तरफ से अब तक जो बातें कही गई हैं वे अपर्याप्त हैं। मास्को में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के साथ बातचीत के बाद पत्रकारों से बातचीत में पुतिन ने कहा, 'यह पहले से स्पष्ट है कि रूस की जो वाजिब चिंताओं हैं उन्हें नजरंदाज किया जा रहा है।' यूक्रेन संकट पर यह पुतिन का सबसे ताजा बयान है। पिछले कुछ समय से उन्होंने इस संकट पर कुछ नहीं कहा था। पुतिन ने कहा कि 'कल्पना करिए यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाता है और रूस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर देता है। तो क्या हमें नाटो से लड़ना चाहिए? क्या किसी ने इस बारे में कभी सोचा है?'