अमेरिकी सेना ने अपने बेड़े में शामिल सभी चिनूक हेलीकॉप्टर पर बैन लगा दिया है। इसके उड़ान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। अमेरिकी सेना में इस वक्त 400 चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
ये है कारण
अमेरिकी सेना ने मंगलवार को कहा कि चिनूक के इंजनों में आग लगने की कई घटनाओं के सामने आने के बाद इसपर रोक लगा दी है। जांच के बाद ही इसके भविष्य पर आगे फैसला किया जाएगा। सेना की प्रवक्ता सिंथिया स्मिथ ने कहा- "सेना ने ईंधन रिसाव को मुख्य कारक के तौर पर पहचान की है, इस मुद्दे को हल करने के लिए सुधारात्मक उपायों को लागू कर रही है।"
किसी की मौत नहीं
अमेरिकी आर्मी ने कहा कि सैनिकों की सुरक्षा उसके लिए प्राथमिकता है और इससे समझौता नहीं कर सकती है। हालांकि इस घटनाओं में किसी भी सैनिक की जान नहीं गई है, लेकिन सुरक्षा कारणों के कारण इसपर फिलहाल रोक लगाई जा रही है।
कई देश करते हैं प्रयोग
चिनूक को मूल रूप से CH-47 के रूप में जाना जाता है। इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी सेना के साथ-साथ ब्रिटेन, भारत समेत लगभग 20 अन्य देशों की आर्मी इसका प्रयोग करती है। इसे बोइंग कंपनी बनाती है। कई और देश इसे खरीदने के लिए लाइन में थे, लेकिन अमेरिका के इस कदम के बाद से इसके सौदे पर असर पड़ सकता है।
कई युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका
अमेरिका ने कई दशकों से चिनूक का उपयोग हर लड़ाई में किया है। वियतनाम, ईरान, लीबिया, ईराक और अफगानिस्तान पर इसी हेलीकॉप्टर के सहारे अमेरिकी सेना सालों लड़ाई लड़ती रही थी। युद्ध के अलावा इसका प्रयोग प्राकृतिक आपदाओं के समय भी राहत बचाव कार्य के लिए किया जाता रहा है।
भारत भी सतर्क
भारतीय वायुसेना भी चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करती है। भारत के पास इस समय 15 चिनूक हैं। अमेरिका में इस हेलीकॉप्टर के बैन के बाद भारत भी अलर्ट हो गया है और उसने इसपर अमेरिका से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि भारत के चिनूक अभी पहले जैसे ही काम करते रहेंगे।
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