नई दिल्ली: चीन इस समय दुनिया का एकलौता देश है हर किसी से उलझ रहा है। अब चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस बात के लिए इजाजत दे दी है कि वो आकर कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता कर सकता है। लेकिन पड़ोसियों के साथ सीमा पर उलझा हुआ है। जब भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप पर बैन लगाया तो अमेरिका ने समर्थन किया। अह विदेश मंत्री माइक पोंपियो कहते हैं कि जमीन विवाद, सीमा विवाद खड़ा करना चीन की आदत बन चुकी है।
भारत ने चीन को शानदार जवाब दिया
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि वो चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी के असली रंग को देख चुके हैं। अब वो पहले से भी अधिक आशवस्त है कि तटस्थ लोगों को भी चीन की तरफ से मिलने वाली चुनौती को समझेंगे। शी जिनपिंग का का दुनिया पर प्रभाव उन लोगों के लिए शुभ नहीं होगा जो लोकतांत्रिक मूल्यों में भरोसा करते हैं। वो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस समय कई दौर की बात कर चुके हैं। चीन की तरफ से अविश्वसनीय कदम उठाया गया और जिस तरह से भारत ने जवाव दिया वो लाजवाब है।
भारत, नेपाल, भूटान के साथ विवाद चीनी पैटर्न का हिस्सा
माइक पोंपियो कहते हैं कि क्म्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने हाल ही में भूटान के साथ सीमा विवाद किया। हिमालय की चोटियों से लेकर वियतनाम के पानी तक उसके जरिए अशांति पैदा की जा रही है। सेनकाकू आईलैंड से लेकर उसके आगे तक क्या हो रहा है हर किसी तो पता है। सच तो यह है कि चीन की विस्तारवादी सोच और नीति पर लगाम लगाने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ आना चाहिए।
चीन की चाल से अंजान न बनें दुनिया के मुल्क
माइक पोंपियो ने लद्दाख सेक्टर में चीन दुस्साहस का उदाहरण देते हुए कहा कि गलवान घाटी में क्या हुआ पूरी दुनिया ने देखा। हाल ही में भूटान की सैंटेग सेंचुरी में जिस तरह से जमीन को हथियाने की कोशिश की गई सभी लोग उसके गवाह हैं। साउथ चीन सागर का विशेष उल्लेख करते हुए वो कहते हैं कि समंदर में कृत्रिम तरीके से आईलैंड बनाकर दूसरे देशों के जलीय संसाधनों पर कब्जा किया जा रहा है। आज समय की मांग है कि दुनिया के सभी मुल्क चीन की सच्चाई को समझें और एक साथ एक मंच पर खड़े हों।
भारत के साथ नहीं है सिर्फ सैन्य रिश्ता
अमेरिका ने हाल ही में कहा था कि चीन की विस्तारवादी नीति का असर न केवल पड़ोसी मुल्कों पर पड़ रहा है बल्कि दूसरे देश भी प्रभावित हो रहे हैं।चीन की ट्रेड नीति एकतरफा है। अमेरिका कभी नहीं चाहेगा कि चीन इस तरह की नीति को अपनाए जिसकी वजह से दुनिया की शांति और स्थिरता प्रभावित हो। हम चीन की चालबाजियों का जवाब देना जानते हैं। भारत के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ सैन्य जरूरतों तक नहीं है। हम उसके आगे की भी दुनिया देखते हैं।