अफगानिस्तान के स्वघोषित एक्टिंग प्रेसीडेंट अमरुल्लाह सालेह का कहना है कि वो तजाकिस्तान भाग कर नहीं गए हैं वो पंजशीर में हैं। तालिबान का दावा गलत है कि वो तजाकिस्तान भाग गए हैं। दरअसल तालिबान का कहना है कि अमरुल्लाह सालेह पंजशीर घाटी के कुछ कमांडरों के साथ भाग गए। लेकिन सालेह का कहना है कि वो पंजशीर में रहकर तालिबानी ताकत का विरोध कर रहे हैं। पंजशीर पहले की तरह तालिबानियों के लिये कब्रगाह साबित होगा।
पंजशीर पर कब्जे के लिए पाक सेना तालिबान की कर रही है मदद
इन सबके बीच अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि किस तरह से पंजाशीर पर कब्जे की लड़ाई में उसकी सेना तालिबानियों को मदद पहुंचा रही है। सालेह ने अपने दावे के समर्थन में एक पाकिस्तानी सैनिक के कार्ड को पेश किया है जो काउंटर अटैक में मारा गया है।
तालिबानी मंसूबों को नहीं होने देंगे कामयाब
बता दें कि अफगानिस्तान के पूरे हिस्से पर तालिबान का कब्जा है लेकिन पंजशीर उसके कब्जे से बाहर है। तालिबान ने 1996 में जब सत्ता हथियाया था तो उस वक्त भी पंजशीर घाटी उसके कब्जे से बाहर थी। सालेह ने कहा कि तालिबान की खिलाफत करने वाली सभी ताकतें मोर्चे पर डटी हैं और उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।
काबुल में एयर फायरिंग
इस बीच जानकारी आई कि काबुल में जबरदस्त फायरिंग हो रही है लेकिन तालिबान ने इससे इनकार किया है। तालिबान का कहना है कि सिर्फ एरियल फायरिंग है, किसी को डरने की जरूरत नहीं है।नेता सभी को हवाई फायरिंग रोकने के लिए कह रहे हैं और आदेश दे रहे हैं. सब शांत रहेंगे।
'युद्ध अपराध कर रहे हैं तालिबान'
सालेह ने कहा कि पिछले 23 वर्षों में आपातकालीन अस्पताल की शुरुआत के बाद से हमने कभी भी तालिबान की पहुंच को नहीं रोका।तालिबान युद्ध अपराध कर रहे है, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के लिए उनके दिल में कोई जगह नहीं है। हम संयुक्त राष्ट्र और विश्व के नेताओं से तालिबान के इस स्पष्ट आपराधिक और आतंकवादी व्यवहार पर ध्यान देने की अपील करते हैं।