यूक्रेन में रूस के हमले को आज छठा दिन है। इस बीच भारत के लिए एक बुरी खबर आई है। दरअसल, खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। आज सुबह हमले में छात्र की मौत हुई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के खारकीव में आज सुबह गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई है। मंत्रालय उनके परिवार के संपर्क में है। मृतक छात्र का नाम नवीन शेखरप्पा है और वो कर्नाटक के हावेरी जिले का था। वह खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था जो यूक्रेन के अर्किटेक्टोरा बेकाटोवा शहर में है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा कि गहरे दुख के साथ हम पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई है। मंत्रालय उनके परिवार के संपर्क में है। हम परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। विदेश सचिव रूस और यूक्रेन के राजदूतों से भारतीय नागरिकों के लिए तत्काल सुरक्षित मार्ग की हमारी मांग को दोहराने के लिए बात कर रहे हैं जो अभी भी खारकीव और अन्य संघर्ष क्षेत्रों में शहरों में हैं। इसी तरह की कार्रवाई रूस और यूक्रेन में हमारे राजदूतों द्वारा भी की जा रही है।
यूक्रेन समन्वय के लिए कर्नाटक के नोडल अधिकारी मनोज रंजन ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने अभी पुष्टि की है कि खारकीव में एक छात्र नवीन की गोलीबारी में मौत हो गई है। हमारे प्रधान सचिव ने विदेश सचिव से बात की है और इसकी पुष्टि की है। यह दुखद स्थिति है। हम माता-पिता तक पहुंच रहे हैं और उनमें विश्वास जगा रहे हैं। हम उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे। भारत सरकार इस मामले पर चर्चा कर रही है।
वहीं कीव में रहने वाले भारतीयों के लिए एडवायजरी जारी की गई है। दूतावास ने सभी भारतीयों को तत्काल कीव छोड़ने के लिए कहा है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा है कि सभी भारतीय आज ही कीव छोड़ें। ट्रेन और मौजूदा साधन से कीव से निकलने को कहा गया है।
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भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में प्रयासरत है। एअर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान यूक्रेन में फंसे 182 भारतीय को रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से लेकर मंगलवार सुबह मुंबई पहुंचा। इनमें से एक निशी मल्कानी ने मुंबई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि वह पश्चिम यूक्रेन स्थित एक विश्वविद्यालय की छात्रा हैं, जहां स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है। उन्होंने कहा कि हम कई दिन तक अपने छात्रावास में छुपे थे और फिर पश्चिमी सीमा पर पहुंचे। यूक्रेन के पूर्वी हिस्सों में शैक्षणिक संस्थानों में हजारों छात्रों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वहां से सड़क पर निकलना बेहद मुश्किल है। उन छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए और प्रयास किए जाने चाहिए।
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