'मेरा जिस्म, मेरी मर्जी'; क्या है ये 'औरत मार्च', आखिर क्यों सड़कों पर उतरीं पाकिस्तान की महिलाएं

दुनिया
लव रघुवंशी
Updated Mar 08, 2020 | 21:49 IST

Aurat March 2020 in Pakistan: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पाकिस्तान के कई शहरों में महिलाएं अत्याचारों के खिलाफ सड़कों पर थीं। महिलाओं ने औरत मार्च निकाला गया और अपनी आवाज उठाई।

Aurat March
पाकिस्तान में महिलाओं का 'औरत मार्च' 
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान के कई शहरों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर औरत मार्च का आयोजन किया गया
  • महिलाओं ने हाथों में तख्तियां लेकर महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए नारे लगाए
  • औरत मार्च की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। हम औरतें नामक एक नारीवादी समूह ने इसका आयोजन किया था

इस्लामाबाद: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पाकिस्तान में महिलाएं सड़कों पर उतरीं और 'औरत मार्च' निकाला। इस दौरान'मेरा जिस्म, मेरी मर्जी' जैसे कई नारों से पाकिस्तान की सड़कें गूंज उठीं। महिलाओं ने ये मार्च अपने बुनियादी अधिकारों के लिए निकाला। औरत मार्च 8 मार्च 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में निकाला गया। हम औरतें नामक एक नारीवादी समूह ने इसका आयोजन किया था।इस साल ये लाहौर, मुल्तान, क्वेटा, इस्लामाबाद और कराची में आयोजित किया गया।

लाहौर में निकाले गए मार्च में प्रतिभागी हाथों में तख्तियां लेकर और महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए नारे लगाए हुए नजर आए। इस्लामाबाद में मुख्य मार्च के अलावा, जमात-ए-इस्लामी  की महिला सदस्यों ने नेशनल प्रेस क्लब के बाहर एक और रैली की।

महिलाओं के साथ पुरुष भी आए
इस बार भी महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बेहतर सुरक्षा के लिए पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने रविवार को सड़कों पर रैली निकाली। आयोजकों ने महिलाओं की आर्थिक भागीदारी, ट्रांसजेंडर बलात्कार के खिलाफ बात की। सरकार से जबरन धर्मांतरण और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया। 

क्वेटा में महिलाओं ने ऑनर किलिंग्स, एसिड हमलों, महिलाओं की शिक्षा से इनकार करना और उत्पीड़न अन्य मुद्दों के खिलाफ मार्च किया। पुरुषों ने भी मार्च में भाग लिया और कहा कि वे महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने की दिशा में काम करेंगे।

इस्लामाबाद में औरत मार्च पर पथराव
औरत मार्च पर राजधानी इस्लामाबाद में पथराव किया गया जिसमें कुछ लोगों को चोटें आई हैं। औरत मार्च के खिलाफ परंपरावादियों व कट्टरपंथियों ने बीते कई दिन से मोर्चा खोला हुआ था। इस पर रोक लगाने के लिए अदालत की भी शरण ली गई लेकिन अदालत ने रोक लगाने से साफ मना कर दिया। मार्च में लगाए जाने वाले नारों को गैर इस्लामी करार देते हुए इसका विरोध किया गया। अश्लीलता का भी आरोप लगाया गया हालांकि इसे साबित नहीं किया जा सका। अन्य शहरों में मार्च में कोई अड़चन नहीं आई लेकिन इस्लामाबाद में हालात बिगड़े। 

मानव अधिकार वाली संस्था ने महिलाओं की हालत पर जताई चिंता
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने औरत मार्च का समर्थन करते हुए बयान जारी किया, 'पाकिस्तान में महिलाएं शिक्षा, न्याय, स्वास्थ्य, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और आर्थिक अवसरों से लगातार वंचित हैं। वे हिंसा के लगातार खतरों में रहती हैं।' पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, बलात्कार, ऑनर किलिंग्स, एसिड हमले, घरेलू हिंसा और जबरन शादी आदि गंभीर समस्या बनी हुई हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने महिलाओं के समान अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

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