नई दिल्ली : अमेरिकी फौज की अंतिम टुकड़ी गत शुक्रवार को अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस से कूच कर गई। इस सैन्य अड्डे पर अमेरिकी सेना 20 वर्षों तक रही और यहां से आंतकियों के खिलाफ उसने अपने कई अहम अभियान चलाए। इस सैन्य अड्डे को अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य शक्ति के एक प्रतीक के रूप में देखा जाता रहा है। इस बेस से अमेरिकी सेना अपने साथ संवेदनशील सैन्य उपकरणों एवं अन्य चीजों को अपने साथ ले गई। हालांकि, सैन्य ऑपरेशन एवं अपनी जरूरत में इस्तेमाल होने वाले वाहन, एंबुलेंस, कार एवं फ्रीज को उसने यहीं छोड़ दिया। हजारों अमेरिकी सैनिकों की चहलकदमी एवं विमानों की गड़गड़ाहट से आतंकवाद के खिलाफ संदेश देने वाला यह एयरबेस अब वीरान पड़ा है।
1950 के दशक में सोवियत रूस ने किया एयरबेस का निर्माण
बगराम एयरबेस का निर्माण सोवियत संघ रूस ने 1950 के दशक में किया। इस सैन्य अड्डे का इस्तेमाल दुनिया की दोनों बड़ी महाशक्तियों ने किया। अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद इस एयरबेस को अफगान सुरक्षा बलों ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। आइए, यहां जानते हैं कि यह एयरबेस अमेरिकी सेना के लिए इतना अहम क्यों रहा-