ढाका: कोविड-19 पर बांग्लादेश की राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समिति ने पड़ोसी देश भारत में बढ़ते कोरोनावायरस मामलों के मद्देनजर सख्त सीमा पार यात्रा प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।समिति के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद शाहिदुल्लाह ने देश में फैल रहे संक्रमण के संबंध में एक निश्चित जोखिम के बारे में चेतावनी जारी की है। उन्होंने भारत से आने और जाने पर प्रतिबंध जब तक प्रतिबंध नहीं लग जाता, तब तक खास हिदायत बरतने पर जोर दिया है।
शाहिदुल्लाह ने दोनों देशों के बीच लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने और इसे सीमित करने पर जोर दिया है। अगर हम भारत से लोगों के आवागमन को प्रतिबंधित नहीं पाते हैं और उन्हें क्वारंटीन नहीं करते हैं, तो यह (कोविड-19) निश्चित रूप से बांग्लादेश में फैल जाएगा।उन्होंने कहा कि एनटीएसी के सदस्य पहले ही इस मामले पर चर्चा कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, हम सरकार को सूचित करेंगे। हालांकि, हमने अभी तक सरकार के सामने कोई सिफारिश नहीं रखी है। लेकिन, हम इसे निश्चित रूप से करेंगे। सदस्यों की बैठक में इस पर चर्चा की गई है।शाहिदुल्लाह ने कहा, हम सख्त सीमा नियंत्रण चाहते हैं। देशों के बीच सीमा पार यात्रा सीमित होनी चाहिए। इसका मतलब है कि किसी को भी आवश्यकता के बिना यात्रा नहीं करनी चाहिए। पर्यटन, मनोरंजन या इस प्रकार के अन्य कारणों के लिए यात्रा निलंबित की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समिति के सदस्य पहले ही इस मामले पर चर्चा कर चुके हैं और पैनल का इसके बारे में औपचारिक सिफारिश करने का इरादा किया है।इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड डिजीज कंट्रोल के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी मुश्ताक हुसैन ने भारत से आने वालों के लिए संस्थागत क्वारंटनी आवश्यकताओं को लागू करने का सुझाव दिया।
उन्होंने यह सलाह देते हुए कहा, अगर सीमा को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता है, तो भारत से आने वालों को 14 दिनों के क्वारंटाइन में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले अधिकांश यात्री बांग्लादेश के नागरिक हैं और उन्हें सीमा बंद करके नहीं रोका जा सकता है।
उन्होंने सलाह दी कि इस तरह के लोगों के नमूनों का 72 घंटे पहले (यात्रा के दौरान) परीक्षण करवाना चाहिए। हुसैन ने उनके आने पर कोरोनावायरस नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य करने के साथ ही उन्हें क्वारंटीन करने की भी सलाह दी। हुसैन ने कहा कि संभव हो, तो सभी को संस्थागत क्वारंटीन सुविधा में रखा जाना चाहिए और अगर यह संभव नहीं है, तो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह कम से कम घर पर ही आइसोलेशन में रहें। मुश्ताक हुसैन ने कोरोनावायरस वैरिएंट को लेकर चिंता जताई, जो पूरे भारत में तेजी से फैल रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह अभी तक अन्य स्ट्रेन की तुलना में अधिक हानिकारक साबित नहीं हुआ है।