साओ पाउलो : कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में तबाही मची हुई, जिससे 28,240 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 6,14,238 लोग संक्रमित हैं। हालांकि इस घातक बीमारी की चपेट में आने के बाद 1,37,329 लोग ठीक भी हुए हैं, जो इस संक्रामक रोग से लड़ने को लेकर उम्मीद की किरण जगाता है। इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए दुनिया के सभी देश अपने-अपने स्तर पर प्रयास जारी रखे हुए हैं और इसे लेकर जगह-जगह लॉकडाउन और इमरजेंसी की घोषणा हुई है। इस बीच ब्राजील में लॉकडाउन को लेकर राष्ट्रपति और गवनर्स आमने-सामने आ गए हैं।
गवर्नर से राष्ट्रपति की ठनी
ब्राजील में कोरोना वायरस से 93 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 3,477 संक्रमित हैं। देश में सबसे अधिक मामले साओ पाउलो राज्य से सामने आए हैं। अकेले साओ पाउलो में इस घातक बीमारी से 68 लोगों की जान गई है, जबकि 1,223 लोग संक्रमित हैं। हालांकि ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को इस आंकड़े पर भरोसा नहीं है। उनका यह भी कहना है कि ये 'मामूली फ्लू' के मामले हो सकते हैं, जिन पर 'बढ़ा-चढ़ा कर प्रतिक्रियाएं' दी जा रही हैं। उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए लॉकडाउन के उपायों को भी गलत बताया।
राष्ट्रपति का असंवेदनशील बयान
ब्राजील के राष्ट्रपति की यह प्रतिक्रिया देश के 26 गवनर्स द्वारा चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह पर अपने राज्यों में इस घातक संक्रमण को तेजी से फैलने से रोकने के लिए ऐसी व्यावसायिक गतिविधियों और सार्वजनिक सेवाओं पर रोक लगाने के बाद आई है, जो बहुत आवश्यक नहीं हैं। लेकिन राष्ट्रपति बोलसोनारो का कहना है कि इससे देश के आर्थिक हित प्रभावित होंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा, 'मुझे माफ करें, पर कुछ लोग तो मरेंगे, वे मरेंगे, यही जीवन है... सड़क दुर्घटनाओं के कारण आप कार फैक्ट्री नहीं बंद कर सकते।'
सियासी टकराव
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में मची तबाही के बीच उनके इस बयान को बेहद असंवेदनशील माना जा रहा है। इसे साओ पाउलो के गवर्नर जोआओ डोरिया से उनके राजनीतिक टकराव के तौर पर भी देखा जा रहा है, जो पूर्व में उनके सियासी साझीदार रह चुके हैं, लेकिन अब दोनों के राजनीतिक रास्ते अलग हैं और 2022 में यहां होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बोलसोनारो के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखे जा रहे हैं।
राष्ट्रपति के आदेश पर रोक
साओ पाउलो ब्राजील का सबसे बड़ा आर्थिक केंद्र है, जहां के गवर्नर ने राष्ट्रपति पर प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए 'ब्राजील रुक नहीं सकता' के नारे के साथ लोगों में गलत सूचना प्रचारित करने का आरोप भी लगाया है। यह नारा कुछ-कुछ उसी तरह का है, जैसा कि इटली में तबाही से पहले सुना जा रहा था। बोलसोनारो ने कोरोना वायरस को लेकर जारी पाबंदियों के बीच गुरुवार को उपासना स्थलों को इससे छूट भी दी थी और धार्मिक गतिविधियों को 'अत्यावश्यक सेवाएं' घोषित कर दिया था। लेकिन ब्राजील की अदालत ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के उस आदेश पर रोक लगा दी।