Britain: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को उस समय तीन बड़े झटके लगे, जब उनकी कंजर्वेटिव पार्टी दो अहम संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव हार गई और इसके बाद उनकी पार्टी के अध्यक्ष एवं उनके निकट सहयोगी ने इस्तीफा दे दिया। दक्षिण-पश्चिमी निर्वाचन क्षेत्र टिवर्टन और होनिटोन में बृहस्पतिवार को ‘लिबरल डेमोक्रेट्स’ ने जीत दर्ज की, जबकि उत्तरी इंग्लैंड का वेकफील्ड निर्वाचन क्षेत्र मुख्य विपक्षी दल ‘लेबर पार्टी’ के खाते में गया।
कंजर्वेटिव पार्टी के अध्यक्ष का इस्तीफा
डाउनिंग स्ट्रीट में कोविड-19 संबंधी कानूनों का उल्लंघन करने वाले समारोह आयोजित करने संबंधी ‘पार्टीगेट’ घोटाले के मद्देनजर, इन चुनाव को पार्टी में 58 वर्षीय जॉनसन के नेतृत्व के लिए और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में उनके लिए एक जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी अध्यक्ष ओलिवर डाउडेन ने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘हम पहले की तरह कामकाज जारी नहीं रख सकते।’’ ऐसा माना जा रहा है कि शेष कैबिनेट भी नेता को अपदस्थ करने में उनके साथ जुड़ सकती है।
ओलिवर डाउडेन इस्तीफा देने वाले पहले कैबिनेट मंत्री
डाउडेन ने कहा, ‘‘हमारे समर्थक हाल की घटनाओं से व्यथित एवं निराश हैं और मैं उनकी भावनाओं को समझता हूं... किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी और मैंने निष्कर्ष निकाला है कि इन परिस्थितियों में मेरा पद पर बने रहना उचित नहीं होगा।’’ जॉनसन के नेतृत्व को लेकर कुछ नेताओं द्वारा असंतोष जताए जाने के बाद डाउडेन इस्तीफा देने वाले पहले कैबिनेट मंत्री हैं। विवादों में घिरे जॉनसन ने हाल में अविश्वास प्रस्ताव जीता था। कंजर्वेटिव पार्टी के 211 सदस्यों ने उनके पद पर बने रहने के पक्ष में मतदान किया, जबकि 148 ने उनके खिलाफ वोट किया।
वेकफील्ड और टिवर्टन एवं होनिटोन क्षेत्रों पर कंजर्वेटिव पार्टी के उन सांसदों के प्रतिस्थापन के लिए चुनाव हुआ था, जिन्होंने विभिन्न आरोपों के चलते इस्तीफा दे दिया था। इनमें से एक सांसद को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराया गया था जबकि दूसरे को हाउस ऑफ कॉमन्स (संसद के निचले सदन) के कक्ष में अश्लील वीडियो (पोर्नोग्राफी) देखते पाया गया था। हालांकि इस प्रकरण पर सांसद ने यह कहकर सफाई देने की कोशिश की थी कि वह अपने फोन पर ट्रैक्टरों की तस्वीरें खोज रहे थे। इन नतीजों से अशांत कंजर्वेटिव पार्टी के बीच घबराहट बढ़ेगी, जो पहले से ही इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अनिश्चित और विभाजनकारी जॉनसन अब चुनाव के लिहाज से सही दांव नहीं हैं।
बोरिस जॉनसन का आज से भारत दौरा, यूक्रेन-रूस पर उपदेश नहीं, द्विपक्षीय संबंधों पर रहेगा जोर