रॉयल एयर फोर्स विमान साइप्रस के भूमध्यसागरीय द्वीप पर स्थित अक्रोटिरी बेस जो की ब्रिटिश क्षेत्र में आता है वहां से उड़ान भरता है और फिर पाकिस्तान के एयरस्पेस से होते हुए यूक्रेन पहुंचता है, फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों के मुताबिक, ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स की उड़ानें पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले मिस्र, सऊदी अरब और ओमान हवाई क्षेत्र से होकर व ईरान और अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र के करीब से गुजरती हैं।
युद्ध के बीच रहस्यमयी घटना
रूस -यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच एक रहस्य्मय घटना सामने आई है । कहा जा रहा है कि ब्रिटेन की एक फ्लाइट पाकिस्तान से यूक्रेन के लिए भारी मात्रा में हथियार पहुंचा रही है। ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स का एक विमान अगस्त महीने की शुरुआत से ही रोज पाकिस्तान से होकर यूक्रेन जा रहा है। कुछ सोशल मीडिया एकाउंट्स ने फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों के डेटा से पता लगाया की कि ब्रिटेन का C-17 ग्लोबमास्टर रोमानिया से उड़ान भरकर पाकिस्तानी शहर रावलपिंडी में एक एयरबेस पर जाता है।
किसी पक्ष से आधिकारिक बयान नहीं
इन उड़ानों के बारे में ब्रिटेन, रोमानिया या पाकिस्तान के अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन यह बात सभी जानते हैं की UK के प्रधानमंत्री बोरिस जोंसन के विचार यूक्रेन के प्रति शुरू से ही संवेदनशील रहे हैं और ऐसे में यह घटना इस युद्ध में एक नया मोड़ ले आई है पर रूस ने इस पूरे मामले पर अपन एक बयान जारी कर अपना रुख़ साफ़ कर दिया है। रूसी मंत्रालय ने कहा कि ब्रिटेन ने एक नोटिस भेजकर RC -135 विमान की एक योजनाबद्ध उड़ान के बारे में सूचित किया था जो कि आंशिक रूप से रूसी क्षेत्र के ऊपर से गुजरने वाली थी, अपने बयान में रूस ने यह कहा कि हम इस कार्यवाही को जानबूझकर उकसाने के रूप में देखते हैं और इसके सभी परिणामों की पूरी जिम्मेदारी ब्रिटेन के कंधो पर होगी ,मंत्रालय ने चेतावनी के तौर पर यह भी कहा कि रूसी वायु सेना को रूसी सीमा के उल्लंघन को रोकने का कार्य दिया गया है।
इसी बयान में रूस ने एक और घटना का जिक्र किया जिसमें यह बताया कि ब्रिटिश RC-135 विमान जो कि रूसी बॉर्डर पार करने कि कोशिश कर रहा था उसे रूसी लड़ाकू विमानों ने बीच में ही इंटरसेप्ट कर के वापस भगा दिया। इस पूरे विषय पर हमने रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड मेजर जनरल SP सिन्हा से बात की तो उन्होंने इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा है कि इंग्लैंड नाटो का सदस्य है और अमेरिका एक बहुत बड़ा सामरिक पार्टनर है, अभी नाटो, अमेरिका और इंग्लैंड बुरी तरह से रूस-यूक्रेन युद्ध के दल-दल में फस चुके हैं ऐसे में अब दिशा निर्धारित कर पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है।
यूक्रेन के पास साजो सामान की कमी
यूक्रेन में अब हालात बिगड़ते जा रहे हैं और उनके पास मिलिट्री इक्विपमेंट की भी भारी कमी हो गई है ऐसे में ब्रिटेन हवाई रास्ते का इस्तेमाल कर के मदद पहुँचाने कि कोशिश कर रहा है क्योंकि जल और थल के रस्ते पर रूसी सेना कि भारी मुस्तैदी के कारण ये संभव नहीं हो पा रहा। SP सिन्हा के मुताबिक पाकिस्तान का आर्थिक संकट और उसकी इन बड़े देशों से मदद कि इच्छा पीछे का कारण हो सकती है इसलिए वो अपने एयरस्पेस और मिलिट्री बेस का इस्तेमाल इन देशों को करने दे रहा है जिसके बदले उसे कुछ आर्थिक सहायता मिल सके।