बीजिंग : चीन ने अपने यहां मीडिया पर इतने पहरे लगाए हैं कि वहां की वास्तविक सूचना एवं खबरों की जानकारी हासिल कर पाना आसान नहीं होता। अब उसने अभिव्यक्ति की आजादी पर अपने इस पहरे को और कड़ा कर दिया है। दरअसल, चीन के साइबर स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (सीएसी) ने इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों को अपने नए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की चेतावनी दी है। सीएसी ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से कहा है कि उन्हें अपना कंटेंट प्रकाशित करने से पहले 'लिस्ट ऑफ सोर्सेज ऑफ इंटरनेट न्यूज इंफार्मेशन' के नए निर्देशों का पालन करना होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक इटली के राजनीतिक विशेषज्ञ सेरगिओ रेस्टेली ने 'इनसाइड ओवर' में लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने इंटरनेट सेवा को मानवाधिकार का हिस्सा बताया है। लेकिन इंटरनेट तक पहुंच पर रोक लगाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
रेस्टेली ने कहा, 'दुनिया की जो इंटरनेट सेवा प्रदाता एवं कंटेंट उपलब्ध कराने वाली कंपनियां हैं, उनके साथ चीन की सरकार बार-बार विवाद खड़ा करता आई है। उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित करने एवं पाबंदी लगाने के लिए तमाम कानून एवं नियम जारी किए हैं।'
इटली के इस विशेषज्ञ का कहना है कि सीएसी ने जो अब नया फरमान जारी किया है, उसके मुताबिक इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों को अपनी सामग्री प्रकाशित करने से पहले 'लिस्ट ऑफ सोर्सेज आफ इंटरनेट न्यूज इंफार्मेशन' के नए निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा, ऐसा नहीं करने पर उन्हें सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि चीन के लोगों को अब पहले सूचीबद्ध वेबसाइट्स से ही कंटेंट पढ़ने को मिलेगा। सीएसी की इस सूची में 1358 न्यूज सोर्स कंपनियों के नाम हैं। इनमें न्यूज वेबसाइट्स, सेंट्रल न्यूज यूनिट्स, इंडस्ट्री मीडिया, लोकल न्यूज, लोकल न्यूज यूनिट्स और सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए प्लेटफॉर्म हैं।