दुनिया के लिए खतरा बन रहे हैं चीन और रूस: ताइवान

दुनिया
भाषा
Updated Aug 26, 2022 | 23:43 IST

ताइवान ने कहा कि बीजिंग द्वारा उनके देश के पास बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास और यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के जरिये चीन और रूस दुनिया के लिए खतरा बन रहे हैं।

China and Russia are becoming a threat to the global order: Taiwan
ताइवान ने चीन और रूस को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया 

ताइपे : ताइवान की नेता ने शुक्रवार को कहा कि बीजिंग द्वारा उनके देश के पास बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास और यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के जरिये चीन और रूस वैश्विक व्यवस्था को बाधित कर उसके लिये खतरा बन रहे हैं। राष्ट्रपति साई इंग वेन ने अमेरिका की सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न के साथ ताइपे में हुई एक बैठक के दौरान यह बात कही। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की इस महीने हुई यात्रा के बाद किसी अमेरिकी सांसद की यह दूसरी ताइवान यात्रा है।

पेलोसी की इस यात्रा को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए चीन ने ताइवान द्वीप के पास सैन्य अभ्यास किया था, जिसमें कई मिसाइल दागी गई और दर्जनों युद्धपोत तथा युद्धक विमानों ने हिस्सा लिया। कुछ पोतों ने ताइवान जलडमरूमध्य में मध्य रेखा को भी पार किया, जो लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच ‘बफर जोन’ के तौर पर काम करती रही है। चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और जरूरत पड़ने पर सैन्य बल से उस पर नियंत्रण करने की इच्छा रखता है।

बीजिंग ने रूस के साथ अपने गठजोड़ को भी मजबूत किया है और यूक्रेन पर उसके हमले का मौन समर्थन भी किया है। साई ने कहा कि इन घटनाक्रमों से पता चलता है कि किस तरह निरंकुश शासन वाले देश विश्व व्यवस्था को बाधित कर उसके लिए खतरा बन गए हैं। अमेरिका के टेनेसी से रिपब्लिकन पार्टी की सीनेटर ब्लैकबर्न ने दोनों सरकारों के बीच साझा मूल्यों का जिक्र करते हुए कहा कि वह ताइवान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में समर्थन करने के लिए काम करना जारी रखेंगी।

बाद में विदेश मंत्रालय के इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमेसी एंड इंटरनेशनल अफेयर्स में अपनी टिप्पणी में ब्लैकबर्न ने उन नेताओं की भी आलोचना की, जो निरंकुश शासकों के खतरे को गंभीरता से लेने में विफल रहे। उन्होंने हालांकि ऐसे नेताओं की पहचान जाहिर नहीं की। उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति और सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी चिनफिंग ताइवान की सुरक्षा को खतरे में डालना सिर्फ इस वजह से बंद नहीं करेंगे कि यह सभी के सर्वश्रेष्ठ हित में होगा। उन्होंने कहा कि वह एक आम नेता नहीं हैं। और शेष दुनिया के साथ सामान्य प्रतिक्रियाओं या संबंधों में उनकी रुचि नहीं है।

ताइवान में उच्च स्तरीय विदेश प्रतिनिधियों की यात्राओं को चीन अपने मामलों में हस्तक्षेप मानता है और उन्हें ताइवान की संप्रभुता की वास्तविक मान्यता के रूप में देखता है। चीन के हालिया सैन्य अभ्यास को कुछ लोग द्वीप के खिलाफ भविष्य की सैन्य कार्रवाई के पूर्वाभ्यास के रूप में देखते हैं, और अमेरिकी सैन्य नेतृत्व का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में यह हमला हो सकता है।
 

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