बीजिंग : अमेरिका के साथ रिश्तों में बढ़ती तल्खी के बीच चीन ने अब ह्यूस्टन को लेकर पटलवार किया है। अमेरिका ने इसी सप्ताह चीन पर जासूसी का आरोप लगाते हुए ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास बंद करने और यहां से अपने सभी स्टाफ को वापस बुलाने का आदेश बीजिंग को दिया था, जिसके बाद अब चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिका से कहा है कि वह चेंगदू स्थित अपना वाणिज्यदूतावास बंद करे।
चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को सिचुआन प्रांत के चेंगदू में स्थित अमेरिकी दूतावास का लाइसेंस खत्म करने की घोषणा करते हुए अमेरिका से कहा कि वह तत्काल यहां अपना ऑपरेशन बंद करे। चीन का यह कदम बुधवार को अमेरिका द्वारा ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्यदूतावास को बंद किए जाने को कहे जाने के बाद आया है। चीन ने गुरुवार को अमेरिका के इस कदम को एकतरफा, उकसावे वाला और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार देते हुए कहा था कि इससे दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्ते प्रभावित होंगे और वह जल्द इस पर जवाबी कार्रवाई करेगा।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने कहा था कि ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्यदूतावास जासूसी का अड्डा बन गया था, जहां अमेरिकी कंपनियों की व्यापारिक गुप्त सूचनाएं चुराने जैसा गैर-कानूनी काम हो रहा था। इसी वजह से अमेरिका ने इसे बंद करने का फैसला किया। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टगुस ने भी चीन पर अमेरिका के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप आरोप लगाते हुए कहा था कि वियना कॉन्वेंशन के तहत विभिन्न देशों की जिम्मेदारी है कि जिस देश में उनके राजनयिक मिशन हैं, वहां के आंतरिक मामलों में वे दखल न दें।
बढ़ती तल्खी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से भी इसके संकेत मिलते हैं कि भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका, चीन के अन्य राजनयिक मिशन को भी बंद करने के लिए कह सकता है, उन्होंने कहा, 'यह हमेशा संभव है।' उन्होंने ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्यदूतावास में कुछ कागजातों को जलाने की मीडिया रिपोर्ट्स पर भी हैरानी जताई और कहा, 'मुझे लगता है कि वे कुछ कागजात और दस्तावेज जला रहे थे।'