नई दिल्ली : चीन की बातों पर भरोसा इसलिए नहीं किया जा सकता क्योंकि वह कहता कुछ और करता कुछ और है। उसकी कथनी और करनी एक दूसरे के विपरीत होती हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति कायम करने एवं पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले स्थानों का हल निकालने के लिए उसने भारत के साथ 14वें दौर की सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता की है लेकिन वह विवाद को सुलझाने के बजाय गतिरोध एवं तनाव का नया मोर्चा खोलता रहता है। रिपोर्टों की मानें तो वह अब भूटान सीमा पर नए ढांचे का निर्माण कर रहा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सैटेलाइट से प्राप्त नई तस्वीरों के विश्लेषण के बाद यह पता चला है कि चीन विवादित भूटान सीमा पर तेजी से 200 से ज्यादा ढांचे बना रहा है। यह काम छह स्थानों पर किया जा रहा है। इसमें दो मंजिला इमारत भी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डाटा कंपनी हॉकआइ 360 ने रॉयटर्स को सैटेलाइट तस्वीरें भेजी हैं। यह कंपनी जमीनी गतिविधियों के बारे जानकारी जुटाने के लिए सैटेलाइट का इस्तेमाल करती हैं। इन तस्वीरों का विश्लेषण दो अन्य विशेषज्ञों ने किया है जिसमें पाया गया है कि भूटान की सीमा पर चीन ने हाल ही में नए निर्माण किए हैं।
चीन की इन गतिविधियों के बारे में कहा गया है कि भूटान की पश्चिमी सीमा पर ये निर्माण कार्य साल 2020 की शुरुआत से चल रहे हैं। अब चीन यहां तेजी से निर्माण कार्य में जुटा है। यहां संभवत: उपकरणों एवं आपूर्ति को रखने के लिए कुछ छोटे ढांचे बनाए गए हैं। इसके बाद इमारतों को निर्माण किया गया है। कंपनी के मिशन डाइरेक्टर क्रिस बिगर्स का कहना है कि उन्हें लगता है कि साल 2021 में चीन तेजी से निर्माण कार्य करना चाहता है।
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रिपोर्ट के अनुसार भूटान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह सीमा से जुड़े मसलों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करता। मंत्रालय ने आगे इस पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। विशेषज्ञों एवं भारत के एक रक्षा सूत्र के हवाले से कहा गया है कि विवादित सीमा पर अवैध निर्माण कर चीन का इरादा अपने दावों को पुख्ता करने की है। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए निर्माण कर रहा है। मंत्रालय ने कहा, 'अपने क्षेत्र में निर्माण की सामान्य गतिविधियां करना चीन की संप्रभुता का हिस्सा है।'
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बता दें कि साल 2017 में भूटान की लगी सीमा डोकलाम में चीन अवैध रूप से सड़क का निर्माण कर रहा था जिसे भारतीय फौज ने रोक दिया। यहां भारत और चीन के बीच दो महीने से ज्यादा समय तक गतिरोध चला। यहां पर दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थीं। बाद में कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के बाद इस टकराव को टाला जा सका था। अभी पूर्वी लद्दाख के कई जगहों को लेकर दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है।