नई दिल्ली: चीन में उइगर मुस्लिमों के साथ कैसा व्यवहार होता है, ये किसी से छिपा नहीं है। लाखों उइगर मुसलमानों को नजरबंदी शिविरों में रखा गया है। उन पर अत्याचार हो रहे हैं। अब लीक हुए दस्तावेजों से नई जानकारियों का पता चला है। चीनी अधिकारी उइगर आबादी की रोजमर्रा की गतिविधियों और व्यवहार की निगरानी कर रहे हैं और लोगों को दाढ़ी रखने और बहुत सारे बच्चे करने पर नजरबंदी शिविर में भेजा जा रहा है।
एक मामले में अधिकारियों ने एक उइगर आदमी को 'पुन: शिक्षा शिविर' में भेजा और लंबी दाढ़ी बढ़ने के बाद उसके 15 रिश्तेदारों की निगरानी की। अधिकारियों ने इससे निष्कर्ष निकाला कि आदमी की दाढ़ी और उसकी पत्नी के नकाब के उपयोग ने संकेत दिया कि वे धार्मिक और चरमपंथी विचारों से संक्रमित थे।
चीन के उत्तर-पश्चिमी शिनजियांग के एक शिविर में एक दंपति के नाबालिग बेटों में से एक को हिरासत में लिया गया। शख्स के रिश्तेदारों के व्यवहार को करीब से देखने के बाद ही अधिकारियों ने सिफारिश की कि उस आदमी को आगे की निगरानी के लिए उसके समुदाय में वापस भेजा जाए।
नजरबंदी में रखने के ये हैं कारण
जर्मन न्यूज चैनल DW और बीबीसी को सौंपे गए 137 पन्नों के दस्तावेज में 311 लोगों की सूची दी गई है, जिन्हें 2017 और 2018 में रि-एजुकेशन के लिए भेजा गया। नजरबंदी के लिए दिए गए कारणों में उपवास, दाढ़ी बढ़ाना, पासपोर्ट के लिए आवेदन करना और अधिक बच्चे करने पर आधिकारिक जन्म नीति का उल्लंघन शामिल है।
डेटाबेस में 311 लोगों की नजरबंदी की जानकारी है। झिंजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र के 3,000 से अधिक व्यक्तियों की व्यक्तिगत जानकारियों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें 1,800 से अधिक 311 लोगों के परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों का पूरा नाम और पहचान संख्या शामिल है।
चीन नजरबंदी शिविरों को बता रहा प्रशिक्षण केंद्र
2014 के बाद से कथित आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत करीब 20 लाख उइगर मुस्लिमों और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों को शिविरों में हिरासत में लिया गया है। चीन ने जोर देकर कहा है कि वह क्षेत्र में चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों को चला रहा है। हालांकि, पूर्व बंदियों ने आरोप लगाया है कि कैदियों को यातना दी जाती है, चिकित्सा प्रयोगों में उपयोग किया जाता है और उनका सामूहिक बलात्कार किया जाता है।
2016 के बाद नजरबंदी शिविरों में तेजी से इजाफा
पिछले साल आई एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में अल्पसंख्यक उइगर उग्रवादियों द्वारा एक रेलवे स्टेशन पर 31 लोगों की हत्या करने के बाद अधिकारियों को 2014 में दिए गए भाषण में शी जिनपिंग ने 'आतंकवाद, घुसपैठ और अलगाववाद' के खिलाफ पूर्ण संघर्ष का आह्वान करते हुए 'तानाशाही के अंगों' का इस्तेमाल करने और 'किभी भी तरह की दया नहीं' दिखाने को कहा था। शिनजियांग प्रांत में नए पार्टी प्रमुख चेन कुआंगुओ की 2016 में नियुक्ति के बाद नजरबंदी शिविरों में तेजी से इजाफा हुआ था।