China military live fire drill : रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध अभी पूरी तरह से थमा नहीं है कि ताइवान मसले पर दो महाशक्तियों अमेरिका और रूस के बीच तल्खी बढ़ गई है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद चीन जिस तरह से आक्रामक है वह टकराव को न्योता दे रहा है। पेलोसी की यात्रा के विरोध में चीन ने ताइवान को छह तरफ से घेरकर समुद्र में बड़े स्तर पर युद्धाभ्यास किया है। उसने युद्धपोतों से आग के गोले बरसाएं हैं और उसके लड़ाकू विमानों ने ताइवान के वायु क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए घुसपैठ की है।
मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक जोन में गिरीं
इस युद्धाभ्यास में उसकी कुछ मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक जोन में गिरी हैं जिसके बाद जापान ने गंभीर चिंता जताते हुए चीन से युद्धाभ्यास को तत्काल रोकने की मांग की है। रिपोर्टों की मानें तो चीन ने रविवार दोपहर अपने युद्धाभ्यास को विराम दिया। हालांकि, इस बारे में उसकी तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कहा है कि वह आगे एक महीने तक सैन्याभ्यास करेगी। जाहिर है कि चीन का यह आक्रमक रुख ताइवान के साथ-साथ जापान को परेशान करेगा।
ताइवान के डिफेंस लाइन को तोड़ सकते हैं-पीएलए
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्धाभ्यास के बारे में बीजिंग ने कहा है कि इस फायर ड्रिल से यह जाहिर हुआ है कि वह ताइवान के डिफेंस लाइन को तोड़ और किसी तरह के विदेशी दखल को हतोत्साहित कर सकता है। चीन का अभी का युद्धाभ्यास ताइवान पर केंद्रित था लेकिन पीएलए की घोषणा को देखें तो उसका अगला सैन्यअभ्यास ताइवान, जापान और अमेरिका के लिए संदेश है। पीएलए का कहना है कि वह बोहाई समुद्र एवं येलो सी के दक्षिण में अगले एक महीने तक लाइव फायर ड्रिल करेगा। इस दौरान इस क्षेत्र में प्रवेश पर रोक रहेगी। खास बात यह जिस जगह पर चीन लाइव फायर ड्रिल करने जा रहा है वह क्षेत्र जापान स्थित अमेरिका सैन्य ठिकानों के समीप है।
ऑर्टिलरी फायर का ड्रिल करेगा ताइवान
ताइवान पर चीन के हमले के समय अमेरिका अपने इन सैन्य ठिकानों से ताइपे की मदद के लिए आगे सकता है। पीएलए की इस घोषणा के बाद ताइवान ने भी अपनी सैन्य गतिविधियां तेज करने का फैसला किया है। ताइवान ने कहा है कि वह अपनी रक्षा तैयारियों का जायजा लेने के लिए इस सप्ताह देश के दक्षिणी भाग में अपनी ऑर्टिलरी फायर का ड्रिल करेगा। अमेरिकन न्यूजपेपर स्टार एंड स्ट्रिप्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के सैन्य अभ्यास को देखते हुए अमेरिका का 7वां बेड़ा ताइवान जलडमरू मध्य में अपने और लड़ाकू विमानों एवं युद्धपोतों को भेजने की तैयारी कर रहा है। जाहिर है कि युद्धाभ्यास के जरिए चीन, ताइवान पर अपनी नीति में कोई ढिलाई बरतने को तैयार नहीं है। वह पहले ही घोषित कर चुका है कि ताइवान को अपने में मिलाने के लिए वह सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।
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युद्धाभ्यास के जरिए अमेरिका को परखना चाहती है PLA
चीन अपने युद्धाभ्यासों के जरिए अमेरिका को परखना चाहता है। वह देखना चाहेगा कि ताइवान को लेकर अमेरिका किस हद तक जा सकता है। यूक्रेन का उदाहरण उसके सामने है। यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर अमेरिका ने बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन रूसी हमलों का जवाब देने के लिए उसने अपनी या नाटो की सेना जमीन पर नहीं उतारी। रूस पर आर्थिक एवं कूटनीतिक प्रतिबंध लगाकर उसने अपनी भूमिका समाप्त कर ली। हालांकि, यूक्रेन की तुलना ताइवान से नहीं की जा सकती।
ताइवान में अमेरिका के हित यूक्रेन से कहीं ज्यादा बड़े हैं। अमेरिका, चीन को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है। तो चीन भी खुद को उसके सामने रखता है। दोनों सुपरपावर यह नहीं दिखाना चाहेंगे कि वे कमजोर हैं, या उनकी हार हुई है। रणनीतिकार भी मानते हैं कि दोनों देश युद्ध नहीं चाहेंगे लेकिन अपना दबदबा एवं ताकत दिखाने की जोर-आजमाइश लंबे समय तक चल सकती है।